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Ashok Khemka Transfer: अशोक खेमका एक ऐसे भारतीय सिविल सेवा नौकरशाह हैं जिन्हें उनके तबादलों को लिए जाना जाता है. वह 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. उन्हें गुड़गांव में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के अवैध जमीन सौदे के म्यूटेशन को रद्द करने के लिए भी जाना जाता है. वह भूपेंद्र हुड्डा के शासन में हुए कई घोटालों को उजागर करने के लिए भी जाने जाते हैं. अब एक बार फिर अशोक खेमका सुर्खियों में आ गए हैं. इस बार भी उनकी चर्चा का कारण तबादला ही है. 30 साल की नौकरी में यह उनका 56वां तबादला है.
हाई प्रोफाइल मामलों के लिए सुर्खियों में रहे
खेमका कई हाई प्रोफाइल मामलों के लिए सुर्खियों में रहे हैं. जिनमें रॉबर्ट वाड्रा डीएलएफ भूमि हड़पने का घोटाला, सोनीपत-खरखौदा आईएमटी भूमि घोटाला मामला और गढ़ी सांपला उड्डर गगन भूमि घोटाला शामिल है. अशोक खेमका सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी प्रदीप कासनी के बाद हरियाणा के दूसरे सबसे अधिक ट्रांसफर पाने वाले नौकरशाह हैं. प्रदीप कासनी का 35 वर्षों में 71 बार तबादला किया गया था.
30 साल के करियर में 56वां तबादला
हरियाणा सरकार ने सोमवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी अशोक खेमका का तबादला कर दिया है, यह उनके 30 साल के करियर का 56वां तबादला है. फेरबदल में हरियाणा सिविल सेवा के चार अधिकारियों का भी तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव खेमका को अब अभिलेखागार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है.
अब क्यों हुआ तबादला?
बयान में तबादलों के लिए किसी विशेष कारण का उल्लेख नहीं किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा के मुख्य सचिव सर्वेश कौशल को पत्र लिखे जाने के कुछ दिनों बाद खेमका का तबादला हुआ है जिसमें उन्होंने लिखा था कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के उच्च शिक्षा विभाग में विलय के बाद उनके पास पर्याप्त काम नहीं है .
विवादों और बार-बार तबादलों से भरा करियर
प्रशासनिक सेवा के अधिकरी का करियर विवादों और बार-बार तबादलों से भरा रहा है. अंतिम बार उनका तबादला अक्टूबर 2021 में किया गया था. हरियाणा कैडर के 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ने 2012 में उस समय चर्चा में आये थे जब उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े गुरुग्राम के एक जमीन सौदे का इंतकाल (म्यूटेशन) रद्द कर दिया था. इंतकाल भूमि के एक टुकड़े का स्वामित्व स्थानांतरित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है.
हर छह महीने में तबादला?
पिछले एक दशक के दौरान, उन्हें अक्सर महत्वहीन माने जाने वाले विभागों में तैनात किया गया है और उनके पूरे करियर में औसतन हर छह महीने में उनका तबादला किया गया है. हरियाणा सिविल सेवा के चार अधिकारियों का भी तबादला किया गया है जिनमें मानव मलिक, अमित कुमार, मयंक भारद्वाज तथा देवेंद्र शर्मा शामिल हैं .
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(एजेंसी इनपुट के साथ)