Waqf Board Latest News: दिल्ली के कई मंदिरों, सड़कों और सरकारी इमारतों को अपना बताने के बाद 'जमीनखोर' वक्फ बोर्ड ने अब भोपाल के ASI दफ्तर पर अपना दावा ठोक दिया है. उसके इस दावे से विभाग के अधिकारी दंग हैं.
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Waqf Board claim on ASI office in Bhopal: वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है. इस बीच हमारी कई टीमें देश की राजधानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में वक्फ के उन दावों का सच जानने निकली है. जिसमें वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन पर अपना दावा करता है. लेकिन हकीकत उससे जुदा होती है. क्या है पूरा सच. पढ़िए ZEE NEWS की EXCLUSIVE पड़ताल.
ना खाता ना बही...जो वक्फ बोले वही सही...इनके फरमान खंगालेंगे तो वक्फ की 'ज़मीनखोर' साजिश बेपर्दा हो जाएगी. वक्फ के फरमानों की फेहरिश्त नई मनमानी की गवाही है. दिल्ली के ठिकानों पर वक्फ ने दावा ठोका. ASI के दफ्तर को अपना बताने लगे. मुजफ्फरनगर में गांव के इकलौते तालाब पर नजर गड़ा दी.
भोपाल में सरकारी इमारत पर जता दिया दावा
भोपाल में तो सरकारी जमीन ही बेच दी. सड़कें...इमारतें...जमीन...जिसपर नजर टिकी वही इनकी हो गई. लगता है वक्फ संशोधन बिल का प्रस्ताव आते ही वक्फ बोर्ड तिलमिला उठा है. वो ना सिर्फ मुसलमानों को लामबंद करने में लगा हुआ है बल्कि ज्यादा से ज्यादा संपत्तियों पर दावा करके मामले को कानूनी पचड़े में घसीटने का भी है.
ताजा मामला दिल्ली के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI का है. जिसके दफ्तर पर ही वक्फ ने अपनी नजरें गड़ा दीं और दावा ठोकते हुए कहा है कि ये दफ्तर तो हमारी जमीन पर बना है.
ASI के दफ्तर को वक्फ ने बताया अपना
दरअसल ASI ने वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा करने वाली JPC को ऐसे 120 स्मारकों की लिस्ट सौंपी थी, जिन पर वक्फ बोर्ड अपना दावा करता है. इनमें से कुछ को एएसआई द्वारा संरक्षित घोषित किए जाने के तकरीबन एक सदी बाद वक्फ संपत्ति घोषित किया गया.
भोपाल में वक्फ बोर्ड की बखिया उधेड़ने वाली रिपोर्ट सामने आई है. वक्फ बोर्ड के लैंड जिहाद के खेल का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है. पता चला है कि विशाल सरकारी इमारत पर वक्फ बोर्ड ने अतिक्रमण करते हुए उसे अपना घोषित कर दिया है. हालांकि भोपाल तहसीलदार न्यायलय ने वक्फ की दवा निकाल दी. अपने आदेश में कोर्ट ने ये माना कि शहर के बीचो-बीच 27000 वर्गफीट जमीन पर वक्फ ने अतिक्रमण करके अवैध निर्माण कर लिया है.
30 करोड़ रुपये से ज्यादा है कीमत
जिस जमीन पर वक्फ बोर्ड ने कब्जा कर लिया है, उसकी कीमत 30 करोड़ रुपये से ऊपर है. अब कोर्ट ने आदेश दिया है कि सरकारी जमीन जिस पर वक्फ बोर्ड ने कब्जा कर निर्माण किया, उसका आज के बाजार मूल्य के हिसाब से 20% ज्यादा पैसा वसूला जाए. साथ ही सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण को तोड़ने का खर्च भी वक्फ बोर्ड ही उठाए.
वक्फ बोर्ड के खेल की पड़ताल जरूरी है क्योंकि वक्फ पर एक-एक कर सरकारी जमीनों को निगलने की साजिश के आरोप लग रहे हैं. अगर वक्फ संशोधन बिल संसद से पास हो गया तो वक्फ के गोरखधंधे का पूरा सच सामने आ जाएगा. यही वजह है कि वक्फ बोर्ड इस बिल को लेकर बौखलाया हुआ है और इसके खिलाफ मुस्लिमों को भड़काने की साजिशों में लगा है.
(दिल्ली से शिवांक मिश्रा के साथ प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट)