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Violence in West Bengal over Prophet Muhammad Row: पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) पर टिप्पणी के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में भड़की हिंसा (West Bengal Violence) के मामले में अब तक 200 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं, जबकि 42 मामले दर्ज हुए है. बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज मालवीय ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. राज्य के हिंसा प्रभावित जिलों में सोमवार को कुछ इलाकों में छिटपुट विरोध-प्रदर्शनों के बीच स्थिति सामान्य है. इन इलाकों में भारी पुलिस बलों की तैनाती की गई है.
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की ओर से रेलवे पटरियों को जाम करने के बाद सोमवार सुबह पूर्वी रेलवे के सियालदह-हशनाबाद खंड में ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पटरियों को जाम करने के लिए टायरों में आग लगा दी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के पुतले जलाए. इसकी वजह से करीब 20 मिनट तक रेल सेवा प्रभावित रहीं. फिलहाल उत्तर 24 परगना के हसनाबाद स्टेशन के आसपास भारी पुलिस बल तैनात है.
बंगाल पुलिस के अफसरों ने बताया कि हावड़ा, मुर्शिदाबाद और नदिया जिलों में भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. कुछ इलाकों में अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है. लगातार हो रही हिंसा (West Bengal Violence) के विरोध में स्थानीय कारोबारियों ने इलाके में 72 घंटे के बंद का आह्वान किया है. अधिकारियों ने बताया कि बेथुंदाहरी रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर रविवार को यहां एक ट्रेन में तोड़फोड़ की गई थी.
राज्य के एडीजी (कानून-व्यवस्था) जावेद शमीम (Jawed Shamim) ने बताया कि हिंसा में कहीं पर जनहानि का नुकसान नहीं हुआ है. हिंसा फैलाने के मामले में 42 मुकदमे दर्ज करके 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हालात अब सामान्य हैं और इंटरनेट भी दोबारा रि-स्टोर कर दिया गया है. नकाशीपारा इलाके में फिलहाल धारा-144 लागू की गई है. उन्होंने कहा कि हिंसा फैलाने वाले किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा, भले ही वह कोई भी हो. बंगाल पुलिस उन्हें अधिकतम सजा दिलाने की कोशिश करेगी. लोगों से अपील की कि वे किसी भी तरह के उकसावे में न आएं.
उधर पैगंबर मामले (Prophet Muhammad) में लगातार तीसरे दिन पश्चिम बंगाल में हिंसा (West Bengal Violence) होने से नाराज कलकता हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर उससे हालात नहीं संभल रहे हैं तो राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए. अदालत ने उम्मीद जताई कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उचित कदम उठाएगी.
चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस आर भारद्वाज की बैंच ने कहा, ‘यदि राज्य की पुलिस किसी भी स्थान पर स्थिति को नियंत्रित करने में असफल रहती है तो प्राधिकारी तत्काल कदम उठाते हुए केंद्रीय बलों को बुलाएं.’ अदालत ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को 15 जून तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
हाईकोर्ट में दायर 5 याचिकाओं में मांग की गई है कि राज्य में जारी हिंसा (West Bengal Violence) पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया जाए और साथ ही इस पूरे मामले की जांच एनआईए से करवाई जाए.
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