Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता रेप केस मामले में सियालदह की विशेष अदालत ने सोमवार को आरोपी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई. इस पर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्रीय एजेंसी की आलोचना करते हुए कहा हम शुरू से ही दोषी को मृत्युदंड देने की मांग कर रहे थे, लेकिन इस केस को कोलकाता पुलिस से जबरन ले लिया गया.
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RG Kar Rape Murder Case: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के मामले में सियालदह कोर्ट ने आरोपी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया से कहा कि वह इस सजा से संतुष्ट नहीं हैं.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "मैं इस सजा से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हूं. मैं न्यायाधीश के खिलाफ कुछ नहीं कह सकता. न्यायाधीश भी क्या करें? जिस तरीके से तफ्तीश की गई थी और सबूत पेश किए गए थे, उसी हिसाब से सजा मिलनी चाहिए थी. अगर न्यायाधीश चाहें भी तो कुछ नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें भी उच्च अधिकारियों पर निर्भर रहना पड़ता है. जांच में जो खामियां थीं, उन्हें पहले ही हम सबने उठाया था. इन खामियों के कारण आज अपराधी को उम्रकैद की बजाय जमानत मिल सकती थी क्योंकि राज्य सरकार ने यह मुद्दा 'सीबीआई बनाम सीआईडी' में बदल दिया था. यह सब राजनीतिक दखल के कारण हो रहा है."
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा CBI और सीआईडी का नहीं होना चाहिए, बल्कि दरिंदों को कड़ी सजा दिलवाने का होना चाहिए, ताकि अपराधी अंदर से डर महसूस करें. मुझे लगता है कि बंगाल में अब अपराधियों को डर नहीं रहा है और भविष्य में भी यह स्थिति सुधरने की संभावना नहीं है.
सीएम ममता बनर्जी का बयान
दरअसल, इस मामले पर फैसला आने के बाद बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने "असंतोष" जताते हुए दावा किया कि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस से "जबरन" ले लिया गया. उन्होंने कहा कि अगर जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस के पास ही रहा होता, तो उसने निश्चित रूप से मौत की सजा सुनिश्चित की होती. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले की सीबीआई जांच को लेकर केंद्रीय एजेंसी की आलोचना भी की.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त 2024 को मामले की जांच कोलकाता पुलिस से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का आदेश दिया था. सीएम ने कहा, "पहले दिन से ही, हम सभी ने मृत्युदंड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. हम अब भी अपनी मांग पर कायम हैं. मैं अपनी पार्टी की राय साझा कर सकती हूं, मामला हमसे (कोलकाता पुलिस से) जबरन ले लिया गया। अगर यह मामला (कोलकाता) पुलिस के पास ही रहा होता, तो हम सुनिश्चित करते कि उसे मौत की सजा मिले."
उन्होंने आगे कहा, "हमें नहीं पता कि जांच कैसे की गई. राज्य पुलिस द्वारा जांच किये गए इसी तरह के कई मामलों में मौत की सजा सुनिश्चित की गई. मैं (फैसले से) संतुष्ट नहीं हूं...यदि मौत की सजा सुनाई गई होती, तो कम से कम मेरे दिल को कुछ शांति मिलती."
यह कोई दुर्लभतम मामला नहीं है: कोर्ट
उल्लेखनीय है कि सियालदह की विशेष अदालत ने सोमवार को सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप-हत्या के मामले में एकमात्र दोषी सिविक वालंटियर संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई. इस दौरान जज ने कहा कि यह कोई दुर्लभतम मामला नहीं है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में अफरा-तफरी की स्थिति भी बन गई थी, जिसके बाद अदालत ने सख्त लहजे में सभी लोगों को चेतावनी दी थी और आरोपी की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया था.
पीड़िता के पिता ने की थी ये मांग
पीड़िता के पिता ने सोमवार सुबह पत्रकारों से कहा था, "आज सजा सुनाने से पहले विशेष अदालत के न्यायाधीश दोषी की बात सुनेंगे. उसने 20 जनवरी को कुछ कहने पर जोर दिया था. हम चाहते हैं कि उसे अधिकतम सजा दी जाए." ( भाषा इनपुट के साथ )