त्रिपुरा: भारत और बांग्लादेश के बीच एक हाथी को लेकर कानूनी लड़ाई छिड़ गई है. बांग्लादेशी नागरिक अतीकुर रहमान ने बीएसएफ को दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि हाथी 'चंद्रतारा' उसका है. इस मामले पर एक स्थानीय अदालत 21 जनवरी को सुनवाई करेगी.
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त्रिपुरा: भारत-बांग्लादेश सीमा पर फेंसिंग को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव जारी है. इस बीच, त्रिपुरा के उनाकोटी जिले में एक अनोखा कानूनी मुद्दा सामने आया है, जिसे लेकर भारत-बांग्लादेश सीमा के दोनों तरफ दिल टूट रहे हैं. एक तरफ बांग्लादेश के अतीकुर है तो दूसरी तरफ उसकी दुबकी हुई हाथी चंद्रतारा है.अतीकुर की जिंदगी चंद्रतारा के बिना अधूरी है. ऐसा एक भी दिन नहीं बीतता था जब वे एक-दूसरे से न मिले बिना रहे हों, लेकिन अतीकुर अब उसे भारत से वापस लाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहा है.
अतीकुर का पालतू हाथी 'चंद्रतारा' गलती से बांग्लादेश की सीमा पार भारत पहुंच गई थी, जो अब दोनों देशों के बीच कानूनी लड़ाई का केंद्र बन गया है. बीते साल 11 सितंबर को ये हाथी त्रिपुरा के उनाकोटि जिले के एक सीमावर्ती गांव में मिला था.
अतीकुर ने तस्वीरें और दस्तावेज किए पेश
बांग्लादेश के मौलवीबाजार के रहने वाले अतीकुर रहमान ने चंद्रतारा को लेकर सोशल मीडिया पर एक मार्मिक वीडियो संदेश शेयर किया है और उन्होने इस वीडियो के जरिए दावा किया है कि उनका हाथी अनजाने में सीमा पार चला गया है और यह पालतू पशु उसका है. उन्होंने अपने दावे को पुख्ता करने के लिए अपने भारतीय रिश्तेदारों के जरिए से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और वन विभाग दोनों को तस्वीरें और स्वामित्व के दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं.
वहीं, इस हाथी को लेकर भारत के दो अन्य लोगों ने भी इसी तरह के दावे किए हैं. अब इस मामले पर एक स्थानीय अदालत 21 जनवरी को सुनवाई करेगी. इस मामले को लेकर बीएसएफ और बीजीबी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई, जिसमें रहमान ने अपने वैध दस्तावेज पेश किए, जिससे इस मामले के शीघ्र समाधान की उम्मीद भी जगी. हाथी फिलहाल त्रिपुरा वन विभाग के कब्जे में है और कानूनी जटिलताओं की वजह से हाथी के तत्काल प्रत्यावर्तन को रोक दिया गया है.