Uttarkashi Tunnel: अमेरिकन ऑगर मशीन ने 22 मीटर तक मलबे में किया ड्रिल, मजूदरों के निकलने की बढ़ी उम्मीद
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Uttarkashi Tunnel: अमेरिकन ऑगर मशीन ने 22 मीटर तक मलबे में किया ड्रिल, मजूदरों के निकलने की बढ़ी उम्मीद

Uttarakhand Tunnel Collapse: सुरंग में फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. इसके अलावा उन्हें ऑक्सीजन, बिजली, दवाइयां और पानी भी पाइप के जरिए लगातार पहुंचाया जा रहा है. 

 

Uttarkashi Tunnel: अमेरिकन ऑगर मशीन ने 22 मीटर तक मलबे में किया ड्रिल, मजूदरों के निकलने की बढ़ी उम्मीद

Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए नई और शक्तिशाली ऑगर मशीन ने शुक्रवार सुबह तक मलबे को 22 मीटर तक भेद दिया है, जिससे पिछले पांच दिनों से अधिक समय से अंदर फंसे 40 श्रमिकों के जल्द बाहर आने की उम्मीद बढ़ गई है. सिलक्यारा में बने उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, सुरंग में जमा मलबे में रातभर चली ड्रिलिंग के बाद 22 मीटर की दूरी तक भेदा जा चुका है.

60 मीटर जमा है मलबा

बता दें कि टनल में 45 से 60 मीटर तक मलबा जमा है, जिसमें ड्रिलिंग की जा रही है. प्लान के मुताबिक, ड्रिलिंग के जरिए मलबे में रास्ता बनाते हुए उसमें 900 मिमी व्यास के छह मीटर लंबे पाइप को एक के बाद एक इस तरह डाला जाएगा कि मलबे के एक ओर से दूसरी ओर तक एक ‘वैकल्पिक सुरंग’ बन जाए और श्रमिक उसके माध्यम से बाहर आ जाएं.

मशीन सही तरह के कर रही काम

राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से सुरंग बना रही नवयुग इंजीनियरिंग लिमिटेड के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि सभी श्रमिक ठीक हैं. ऑगर मशीन भी भली-भांति काम कर रही है. भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उन लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकाल लिया जाए. मलबे में ड्रिलिंग कर चार पाइप डाले जा चुके हैं. जबकि, पांचवें पाइप को डाले जाने की कार्यवाही जारी है.

छोटी मशीन हो गई थी खराब

इससे पहले मंगलवार देर रात एक छोटी ऑगर मशीन से मलबे में ड्रिलिंग शुरू की गयी थी, लेकिन इस दौरान भूस्खलन होने से काम को बीच में रोकना पड़ा था, बाद में वह ऑगर मशीन भी खराब हो गयी थी. इसके बाद भारतीय वायुसेना के सी-130 हरक्यूलिस विमानों के जरिए 25 टन वजनी बड़ी, अत्याधुनिक और शक्तिशाली अमेरिकी ऑगर मशीन दो हिस्सों में दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गयी, जिससे गुरुवार को दोबारा ड्रिलिंग शुरू की गयी.

मजदूरों से किया जा रहा संपर्क

अधिकारियों ने कहा कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. इसके अलावा उन्हें ऑक्सीजन, बिजली, दवाइयां और पानी भी पाइप के जरिए लगातार पहुंचाया जा रहा है. श्रमिकों से निरंतर बातचीत जारी है और बीच-बीच में उनकी उनके परिजनों से भी बात कराई जा रही है. उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि सुरंग के पास एक छह बिस्तरों का अस्थायी अस्पताल तैयार कर लिया गया है.

बनाया गया अस्थायी हॉस्पिटल

उन्होंने कहा कि मौके पर 10 एंबुलेंस के साथ कई मेडिकल टीम भी तैनात हैं, ताकि श्रमिकों को बाहर निकलने पर उनको तत्काल चिकित्सकीय मदद दी जा सके. बता दें कि ऑल वेदर रोड चारधाम सड़क परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर के मुहाने से 270 मीटर अंदर एक हिस्सा रविवार सुबह ढह गया था, जिसके बाद से फंसे 40 श्रमिकों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है.

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