UP Electricity Crisis: बिजलीकर्मियों की हड़ताल से घुप अंधेरे में डूबा UP, लखनऊ से लेकर नोएडा तक मचा हाहाकार
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UP Electricity Crisis: बिजलीकर्मियों की हड़ताल से घुप अंधेरे में डूबा UP, लखनऊ से लेकर नोएडा तक मचा हाहाकार

UP Power Cut Uppcl Strike News: यूपी में निजीकरण और सेवा शर्तों में कटौती के विरोध में बिजली कर्मचारियों के आंदोलन (UP Bijli Karmchari Hadtal) का असर दिखने लगा है. उत्तर प्रदेश में लगातार गहरा रहे बिजली संकट के बीच हालात बेकाबू हो रहे हैं.

UP में बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से हड़कंप मच गया है...

Electricity Workers Strike: यूपी (UP) में पूरब से पश्चिम तक हाहाकार मचा है. बिजली कर्मियों की हड़ताल (Electricity Workers Strike) की वजह से पीएम मोदी (PM Modi) की काशी से लेकर सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) के गोरखपुर और पश्चिमी यूपी के नोएडा-गाजियाबाद के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. दरअसल उत्तर प्रदेश में बिजली संकट की मार यहां के निवासी झेल रहे हैं. प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow power crisis) से लेकर पूरे प्रदेश का हाल-बेहाल है. रविवार को बिजली संकट (UP Bijli Sankat) का तीसरा दिन है.

बिजली विभाग के लोगों के फोन बंद

यूपी के शहरों और गांवों में बिजली संकट के चलते लोग कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं. हड़ताल के चलते ललितपुर में बिजली विभाग के अफसरों ने अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए हैं. ललितपुर में बिजली कटौती की वजह (Lalitpur power cut) से शहरी इलाकों में पेयजल आपूर्ति भी बाधित हुई है जिससे आम जनता परेशान है.

संविदाकर्मी बर्खास्त

बिजलीकर्मियों की हड़ताल पर जौनपुर में कार्रवाई हुई है. बिजली हड़ताल (Jaunpur bijli cut) में सहयोग कर रहे 117 संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई हैं. यहां एस्मा के तहत विभाग ने 21 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई है. फर्रुखाबाद में बिजली व्यवस्था में व्यवधान (Farrukhabad electricity cut) डाल रहे कर्मचारियों पर गाज गिराते हुए 13 संविदा कर्मियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है.

लखनऊ से नोएडा तक बिजली संकट

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में निजीकरण और सेवा शर्तों में कटौती के विरोध में बिजली विभाग के सभी कर्मचारियों का आंदोलन लगातार (UP Bijli Karmchari Hadtal) तेज हो रहा है. इस बीच मोदी की काशी में भी घंटों बिजली गुल रही तो पानी को तरसे लोगों ने सड़क पर उतरकर हंगामा किया. बिजलीकर्मियों की हड़ताल से परेशानी जारी है. ग्रामीण इलाकों में भी लोग जलसंकट से जूझ रहे हैं, हालात ये हो गए हैं कि यूपी के कई बिजली उपकेंद्र पुलिस चौकियों में तब्दील हो गए हैं.

यूपी के इन जिलों में हालात बदतर

योगी सरकार से बिजलीविभाग के कर्मचारियों की वार्ता विफल होने से हड़ताल जारी है. ये लोग FIR और निलंबन के बावजूद समझौते को राजी नहीं हैं. लखनऊ में लोग दिनभर परेशान रहे. कई जगह फॉल्ट की समस्या दूर नहीं हुई और लोग उपकेंद्रों के चक्कर लगाते रहे. गाजियाबाद के वसुंधरा, वैशाली और इंदिरापुरम में भी कई घंटों की बिजली कटौती (Power Cuts In Ghaziabad) हुई. नोएडा (Power Cuts In Noida) के कई इलाकों में बिजली लगातार आती-जाती रही. कई शहरों में सुबह पानी नहीं आया क्योंकि लाइट नहीं रहने की वजह से पानी टंकी में चढ़ नहीं पाया.

प्रयागराज में आधा शहर अंधेरे (Prayagraj electricity cut) में डूबा रहा. वाराणसी (Varanasi electricity cut) में भी जनता अंधेरे में डूबी रही. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में पीने का पानी तिगुने दाम में मिला. सीतापुर (Sitapur Power Cuts) में 42 उपकेंद्र बंद रहने से लाखों की जनता अंधेरे में रही. बलिया (Balia Power Cut) से लेकर बहराइच और देवरिया के कई गांव (Deoria Power Cut) और शहरी इलाके बिजली संकट का शिकार रहे. यूपी के कई गांवों में आज भी बिजली (electricity crisis up) नहीं आई है. बिजनौर (Bijnor) जिले मे हड़ताल ने बिजली आपूर्ति ध्वस्त हो गई है. पिछले 48 घंटो से जिले भर मे अंधेरा छाया है.

सामान्य नहीं हुए हालात

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के स्तर से स्थिति को कंट्रोल करने की कोशिश की हालांकि, इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला. कई जगहों पर लोगों को अभी भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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