Scholarship Scam: ईडी ने इस मामले में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल में 24 ठिकानों पर छापेमारी कर अहम सबूत बरामद किए थे. इस मामले में एजेंसी ने 31 मार्च 2022 को ₹4.42 करोड़ का अटैचमेंट भी किया था.
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Enforcement Directorate: प्रवर्तन निदेशालय ने हिमाचल प्रदेश के स्कॉलरशिप घोटाले मामले में राजदीप जौशन, कृष्ण कुमार, हितेश गांधी और अरविंद राजता नाम के चार आरोपियों को गिरफ़्तार किया है. इसमें से दो आरोपी राजदीप और कृष्ण ASAMS Education Group चलाते हैं और दोनों पार्टनर हैं. जबकि हितेश गांधी KC Group of Institution में वाइस चांसलर है. चौथा गिरफ्तार आरोपी अरविंद हिमाचल प्रदेश सरकार की हायर एजुकेशन की स्कोलरशिप ब्रांच में अधिकारी था.
दरअसल, ईडी ने इस मामले में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल में 24 ठिकानों पर छापेमारी कर अहम सबूत बरामद किए थे. इस मामले में एजेंसी ने 31 मार्च 2022 को ₹4.42 करोड़ का अटैचमेंट भी किया था जिसे Adjudication Authority ने सही माना था. यह मामला हिमाचल प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग से जारी होने वाली स्कोलरशिप घोटाले से जुड़ा है जिसमें करीब ₹200 करोड़ का घोटाला होने की बात सामने आई थी.
इसी के बाद मामले की जांच सीबीआई को दी गई और फिर ED ने मनी लॉड्रिग का मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू की. एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि राजदीप जौशन और कृष्ण कुमार ASAMS Education Group को चलाते हैं और दोनों पार्टनर हैं. इन लोगों ने पोस्ट मैट्रिक के SC/ST/OBC के छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप को फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकार से क्लेम किया.
इसी तरह KC Group of Institution के वाइस चांसलर हितेश गांधी ने भी स्कॉलरशिप को क्लेम किया जिसे हायर एजुकेशन की स्कोलरशिप ब्रांच के तत्कालीन अधिकारी अरविंद राजता ने वैरिफिकेशन कर पैसे ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद हितेश गांधी ने छात्रों के खातों में ट्रांसफ़र किये गये इन पैसों को अपने इंस्टिट्यूट के बैंक खातों में ट्रांसफ़र कर दिए.
इसी जांच के बाद एजेंसी ने कार्रवाई करते हुए इन चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से इन्हें पांच दिनों के लिए एजेंसी की हिरासत में भेजा गया है. बताया जा रहा है कि ईडी ने दबिश के दौरान बैंक खातों में पड़ी 2.55 करोड़ रुपये की राशि भी फ्रीज की है. इसके अलावा कई दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी जब्त किए गए हैं.