Kuber Tila: राम मंदिर से सीधे कुबेर टीला पहुंचे पीएम मोदी, जिसके बिना अधूरी रह जाती अयोध्या की यात्रा
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Kuber Tila: राम मंदिर से सीधे कुबेर टीला पहुंचे पीएम मोदी, जिसके बिना अधूरी रह जाती अयोध्या की यात्रा

Ram Mandir Kuber Tila: राम मंदिर में अनुष्ठान पूरा होने के बाद पीएम मोदी ने कुबेर टीला का रुख किया. मान्यता है कि कुबेर टीला की यात्रा के बिना अयोध्या की यात्रा अधूरी रह जाती है. आइये आपको बताते हैं कुबेर टीला के बारे में सबकुछ.

Kuber Tila: राम मंदिर से सीधे कुबेर टीला पहुंचे पीएम मोदी, जिसके बिना अधूरी रह जाती अयोध्या की यात्रा

Ram Mandir Kuber Tila: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के भव्य आयोजन की पूरी दुनिया साक्षी बनी है. देश ही नहीं बल्कि दुनिया के अलग-अलग देशों में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह देखने को मिला. पीएम मोदी ने प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद भगवान राम को साष्टांग प्रणाम किया. राम मंदिर में अनुष्ठान पूरा होने के बाद पीएम मोदी ने कुबेर टीला का रुख किया. मान्यता है कि कुबेर टीला की यात्रा के बिना अयोध्या की यात्रा अधूरी रह जाती है. आइये आपको बताते हैं कुबेर टीला के बारे में सबकुछ.

कुबेर टीला के बिना अयोध्या यात्रा अधूरी

माना जाता है कि राम मंदिर के पास स्थित कुबेर टीला में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के साथ ही अयोध्या की यात्रा पूरी होती है. पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि धन के देवता कुबेर सदियों पहले यहां आए थे. उन्होंने यहां प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान के पास शिवलिंग स्थापित कर रामलला की पूजा की थी. रामलला के साथ-साथ यहां भगवान गणेश, देवी पार्वती, भगवान कार्तिकेय, भगवान कुबेर और नंदी सहित नौ देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गईं हैं. नौ देवियों की मौजूदगी के कारण कुबेर टीला को 'नौ रत्न' भी कहा जाता है.

कुबेर टीला का महत्व

जिस तरह भगवान राम ने रावण पर विजय पाने के लिए रामेश्वरम में भगवान शिव की पूजा की थी. उसी तरह श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से पहले, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कुबेर टीला में भगवान शिव का दुग्धाभिषेक किया था. कुबेर टीला का महत्व न केवल धार्मिक या पौराणिक है, बल्कि इस स्थान का पुरातात्विक महत्व भी है.

निकाली जाती थी शिव की बारात

1902 में राम नगरी में 84 कोसी परिक्रमा क्षेत्र में 148 जगहों की पहचान की गई थी. इसमें कुबेर टीला भी शामिल था. इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अयोध्या की संरक्षण सूची के आठ स्थानों में कुबेर टीला को भी शामिल किया. स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां से भगवान शिव की बारात निकाली जाती थी लेकिन आयोध्या में आतंकी हमले के बाद यह सिलसिला बंद हो गया.

स्थापित की गई जटायु की प्रतिमा

कुबेर टीला का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को लेकर भी अलग महत्व है. कुबेर टीला को हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है. ब्रिटिश सरकार ने इसी जगह बाबा रामचरण दास और अमीर अली को फांसी दी थी. अब राम मंदिर के साथ ही कुबेर टीला का भी जीर्णोद्धार किया गया है. कुबेर टीला में भगवान राम और माता सीता के परम भक्त जटायु की प्रतिमा भी स्थापित की गई है.

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