Jaipur: फेल होता दिख रहा है नगर निगम ग्रेटर का ई-हूपर प्रोजेक्ट, एकत्रित नहीं हो पा रहा कचरा
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Jaipur: फेल होता दिख रहा है नगर निगम ग्रेटर का ई-हूपर प्रोजेक्ट, एकत्रित नहीं हो पा रहा कचरा

Jaipur news: नगर निगम ग्रेटर का ई-हूपर प्रोजेक्ट फेल होता नजर आ रहा है. नगर निगम ग्रेटर ने पर्यावरण प्रदूषण रोकने के नाम पर मानसरोवर जोन में ई-हुपर्स का प्रोजेक्ट शुरू किया था. लेकिन ग्रेटर का यह प्रयोग सफल फेल होता नजर आ रहा हैं. 

 

Jaipur: फेल होता दिख रहा है नगर निगम ग्रेटर का ई-हूपर प्रोजेक्ट, एकत्रित नहीं हो पा रहा कचरा

Jaipur : नगर निगम ग्रेटर का ई-हूपर प्रोजेक्ट फेल होता नजर आ रहा है. नगर निगम ग्रेटर ने पर्यावरण प्रदूषण रोकने के नाम पर मानसरोवर जोन में ई-हुपर्स का प्रोजेक्ट शुरू किया था. लेकिन ग्रेटर का यह प्रयोग सफल फेल होता नजर आ रहा हैं. क्योंकि निगम के जोन में पूर्व में चलने वाले डीजल हूपर कचरा संग्रहण करने में ई हूपर से करीब चार गुना अधिक कैपेसिटी के थे. जिसके चलते डोर टू डोर कचरा संग्रहण में आसानी से कॉलोनियों का कचरा एकत्रित हो रहा था. लेकिन अब कम कैपेसिटी वाले ई हूपर आने के बाद कॉलोनियों का कचरा पूरी तरह एकत्रित नहीं हो पा रहा. वही ई हूपर की कैपेसिटी कम होने के चलते ई हूपर तकरीबन 3 से 4 दिनों में कॉलोनियों में कचरा संग्रहण के लिए पहुंच रहे हैं. जो कि कॉलोनी वासियों के लिए काफी बड़ी समस्या खड़ी कर रहा है.

नहीं हो रहा प्रॉपर कचरा संग्रहण 

नगर निगम ग्रेटर ने पर्यावरण प्रदूषण रोकने के नाम पर निगम के मानसरोवर जोन में ई हूपर का प्रयोग कर तो लिया. लेकिन असफल होने के बावजूद भी निगम करोड़ों रुपए खर्च कर लागू किए गए इन ई हुपर्स को बंद नहीं कर रहा. क्योंकि निगम के करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी ई हूपर से मानसरोवर जोन में प्रॉपर कचरा संग्रहण नहीं हो रहा. ऐसे में 3 से 4 दिन में घर घर पहुंचने वाली ई हूपर लोगों के लिए बड़ी समस्या का कारण बने हुए हैं., लोगों के घरों में हूपर आने के इंतजार में कचरा सड़ने लग जात जाता है., जिसके चलते मजबूरन लोग ओपन डिपो में कचरा डाल रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जबसे निगम ने ही हूपर चालू किए हैं 3 से 5 दिन मेंहूपर कॉलोनी में आ रहे हैं. जिससे कि घरों का कचरा घरों में सड़ने लगा है. जोकि बड़ी समस्या का कारण बना हुआ है, जिससे बीमारियां फैलने का भी डर बना रहता है.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से ई हूपर आए हैं तब से कचरा डालने में काफी परेशानी होने लगी है. स्थानीय महिलाओं का कहना है कि 3 से 5 दिन में आने वाले ई हूपर की वजह से काफी परेशानी होती है. ऐसे में मजबूरन कई लोगों ने तो अपने निजी स्तर पर कचरा संग्रहण करने वाले लोग रखे हुए हैं. जिनको वह व्यक्तिगत रूप से भुगतान करते हैं. महिलाओं का कहना है कि अगर नियमित रूप से हुपर्स कॉलोनियों में आए तो कचरे का सही निस्तारण किया जा सकता है. लेकिन हूपर छोटे होने की वजह से वह जल्दी भर जाते हैं,  और फिर खाली करने के नाम पर चले जाते हैं. जो फिर दो-तीन दिन तक नहीं आते. ऐसे में खुले में कचरा डालने को मजबूर होना पड़ रहा है.

पर्यावरण संरक्षण के लिए लगाया ई हूपर- सौम्या गुर्जर 

वहीं नगर निगम जोन में चालू किए गए ई हूपर को लेकर महापौर सौम्या गुर्जर का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के को ध्यान में रखते हुए ई हूपर लगाए गए हैं. व मानसरोवर जोन में ई हूपर चार्जिंग पॉइंट भी लगाए गए हैं. लेकिन मेयर सौम्या गुर्जर का यह का प्रयोग सफल होता नजर नहीं आ रहा. क्योंकि ऑटो हूपर की कैपेसिटी 1200 किलो कचरा संग्रहण की थी,, वही ई हूपर की 300 से 400 किलो कचरा संग्रहण की कैपेसिटी है. जिसके चलते कचरा कई दिनों तक घरों में ही सड़ता रहता रहता है. या फिर ओपन डिपो के रूप में सड़कों पर आ जाता है. जिसमें पर्यावरण संरक्षण के दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं. और उल्टा पर्यावरण प्रदूषण होता नजर आ रहा है. 

वहीं, पूर्व में आई शिकायतों के आधार पर नगर निगम कमिश्नर द्वारा ई हूपर को बंद करने की बात कही गई थी. लेकिन ठेकेदार को कचरा संग्रहण के लिए अधिक चक्कर लगाने का निर्देश देकर छोड़ दिया गया. उसके बावजूद ठेकेदार द्वारा अधिक चक्कर तो दूर पूर्व में लगाए जाने वाले डीजल ऊपर के बराबर भी कचरा संग्रहण के लिए चक्कर नहीं लगाई जा रहे. जिस वजह से कचरा घर में कॉलोनी में एकत्रित हो रहा है.

जानता को और अधिक परेशानी में डाला- राजीव चौधरी

पूरे मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी का कहना है कि नगर निगम ने ई हूपर यह प्रयोग करके जानता को और अधिक परेशानी में डाल दिया. 1200 किलो कचरा संग्रहण करने वाले हूपर को हटाकर 300 किलो कचरा संगठन वाले हूपर को जनता के बीच में छोड़ दिया. जो की जल्दी भर जाता है या फिर बैटरी चार्ज करने के नाम पर अपने सारे चक्कर स्कीप करके निकल जाता है., जिस वजह से एक-एक घर तक पहुंचने में तीन से पांच दिन लग रहे हैं. जो कि आमजन को काफी परेशानी खड़ी कर रहा है. लेकिन उसके बावजूद नगर निगम के लोग इन हूपर को बंद नहीं कर रहे. राजीव चौधरी ने कहा कि पूर्व में भी इस मामले को लेकर वित्तीय समिति की अध्यक्ष ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. उसके बावजूद ई हूपर द्वारा कचरा प्रॉपर संग्रहण नहीं करने के पीछे भ्रष्टाचार की बू - आना स्वभाविक है. क्योंकि नगर निगम के अधिकारियों व द्वारा कमिश्नर द्वारा प्रॉपर कचरा संग्रहण नहीं होने के बावजूद भी ई हूपर को बंद नहीं करना कहीं ना कहीं सवाल या निशान खड़ा करता है.

 

ई-हूपर का प्रयोग फेल

नगर निगम ग्रेटर द्वारा कचरा संग्रहण व पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए मानसरोवर जोन में किया गया यह ई हूपर का प्रयोग फेल होने के बावजूद उसको उसके खिलाफ कोई कार्र्वाई नहीं कर के उसे लगातार चालू रखना आमजन को तो परेशानी में डाल ही रहा है. साथ ही प्रॉपर कचरा संग्रहण नहीं होने के बावजूद भी निगम द्वारा ई हूपर के लिए करोड़ों रुपए खर्च करना निगम की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़ा कर रहा है. क्योंकि ई हूपर चालू करने को लेकर पूर्व में भी वित्तीय समिति की चेयरमैन शील धाभाई ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. ऐसे में ई हूपर चालू करने के बाद कचरा संग्रहण के लिए 3 से 5 दिन में लोगों के पास पहुंच रहा है. उसके बावजूद भी ई हूपर को लेकर कोई कार्यवाही नहीं करना, नगर निगम ग्रेटर की कार्यशैली पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है.,,

Reporter- Dinesh Tiwari

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