Jaipur News: जलदाय विभाग में कब बजेगा राजस्व वसूली का ढोल? राकेश लुहाडिया सार्वजनिक नहीं कर रहे आंकड़ा
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Jaipur News: जलदाय विभाग में कब बजेगा राजस्व वसूली का ढोल? राकेश लुहाडिया सार्वजनिक नहीं कर रहे आंकड़ा

Jaipur News: पीएचईडी में संभावित 500 करोड़ के राजस्व वसूली अभियान का विभाग में ही ढोल बज गया है क्योंकि इंजीनियर्स वसूली अभियान में पूरी तरह से फेल साबित हुए. आखिरकार जलदाय विभाग करोड़ों की वसूली क्यों नहीं कर पाया? 

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Jaipur News: जलदाय विभाग में उपभोक्ताओं से राजस्व अभियान पूरी तरह से फेल साबित राह क्योंकि चीफ इंजीनियर शहरी राकेश लुहाडिया वसूली अभियान को गति ही नहीं नहीं दे पाए. उन्हे इस बात का पता ही नहीं होता है कि वसूली अभियान कैसे चलेगा, कैसे इसकी मॉनिटरिंग होगी. आखिरकार जलदाय विभाग करोड़ों की वसूली क्यों नहीं कर पाया? 

कब बजेगा वसूली का ढोल?
पीएचईडी में संभावित 500 करोड़ के राजस्व वसूली अभियान का विभाग में ही ढोल बज गया है क्योंकि इंजीनियर्स वसूली अभियान में पूरी तरह से फेल साबित हुए. अबकी बार ना ही इंजीनियर फील्ड में उतरे और ना ही लापरवाह उपभोक्ताओं के घर ढोल बजाकर कनेक्शन काटे. उल्टा उपभोक्ताओं को मुफ्त में 500 करोड़ का पानी पिलाकर सरकारी का चपत लगाई. 

उपभोक्ताओं से बकाया राजस्व वसूली में जलदाय विभाग नाकाम साबित हुआ. चीफ इंजीनियर राकेश लुहाडिया वसूली अभियान को गति नहीं दे पाए, उनकी घटिया मॉनिटरिंग के कारण ये अभियान सक्सेज नहीं हो पाया इसलिए अपनी नाकामी छुपाने के चीफ इंजीनियर शहरी राकेश लुहाडिया आंकड़े सार्वजनिक नहीं कर रहे. एक तरफ मुख्य सचिव सुधांश पंत लगातार पैंडेसी दूर करने के निर्देश दे रहे है लेकिन पीएचईडी में मुख्य सचिव के आदेशों को राकेश लुहाडिया पानी में बहा रहे हैं.

सीएम चौहान से सीख लीजिए लुहाडिया 
चीफ इंजीनियर शहरी राकेश लुहाडिया को 2022 के वसूली अभियान से सीख लेने की जरूरत है क्योंकि तत्कालीन चीफ इंजीनियर सीएम चौहान ने 610 करोड़ का राजस्व वसूला था, उस समय सबसे ज्यादा 84 फीसदी राजस्व वसूली में सीएम चौहान कामयान रहे थे. 

उस समय मनोज कुमार और जया बच्चन की शोर फिल्म के गाने की गूंज जलदाय विभाग से उपभोक्ताओं तक पहुंची थी, जिसमें बकाया वसूली का संदेशा प्रदेश के जलदाय विभाग पानी के बकाया बिलों की रिकवरी के लिए इस्तेमाल कर रहा था और बकाया बिलों की भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काटने की भी हिदायद दे रहा था. बिल जमा नहीं करवाने की स्थिति में पीडीआर एक्ट के तहत ढोल बजाकर संपत्ति कुर्क करने का भी प्रावधान है लेकिन जलदाय विभाग में तो लापरवाही का ढोल बज रहा है.
 
घटिया मॉनिटरिंग 
अब ऐसे में सवाल ये है कि आखिरकार क्या अपनी नाकामी छिपाने के लिए राकेश लुहाडिया आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं कर रहे? क्योंकि राजस्व का ये आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. न तो मॉनिटरिंग हो रही और न ये अभियान सक्सेज हुआ. 

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