NCERT: 'बच्चों के सहारे झूठ की राजनीति', संविधान और NCERT पर प्रधान ने कांग्रेस को धो दिया
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NCERT: 'बच्चों के सहारे झूठ की राजनीति', संविधान और NCERT पर प्रधान ने कांग्रेस को धो दिया

NCERT Row: NCERT से संविधान का परिचय हटाने के आरोप पर बयानबाजी जोरों पर है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एनसीईआरटी की किताबों से संविधान की प्रस्तावना हटा दी गई है. अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया है.

NCERT: 'बच्चों के सहारे झूठ की राजनीति', संविधान और NCERT पर प्रधान ने कांग्रेस को धो दिया

NCERT Row: NCERT से संविधान का परिचय हटाने के आरोप पर बयानबाजी जोरों पर है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एनसीईआरटी की किताबों से संविधान की प्रस्तावना हटा दी गई है. अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस झूठ की राजनीति चलाने के लिए शिक्षा जैसे विषय के साथ खिलवाड़ कर रही है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस झूठी राजनीति के लिए बच्चों का सहारा ले रही है.

प्रधान का कांग्रेस पर बड़ा हमला

धर्मेंद्र प्रधान ने संविधान की प्रस्तावना को एनसीईआरटी की किताबों से हटाने के कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि शिक्षा जैसे विषय को भी अपनी ‘झूठ की राजनीति’ के लिये इस्तेमाल करना और इसके लिये बच्चों का सहारा लेना पार्टी की घृणित मानसिकता को दर्शाता है.

भारत के विकास से नफरत करती है कांग्रेस

प्रधान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शुरू से ही भारत के विकास और शिक्षा व्यवस्था से नफरत रखती है. उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले और भारतीय शिक्षा प्रणाली को बकवास बताने वालों को झूठ फैलाने से पहले सच जानने की कोशिश करनी चाहिए.

कांग्रेस के आरोप सही नहीं हैं

शिक्षा मंत्री ने उन खबरों के बीच यह टिप्पणी की है, जिनमें दावा किया गया है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की कुछ पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया गया है. एनसीईआरटी में पाठ्यचर्या अध्ययन और विकास विभाग की प्रमुख रंजना अरोड़ा ने सोमवार को स्पष्ट किया था कि आरोप सही नहीं हैं.

प्रधान ने किया पोस्ट

प्रधान ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को हटाने के आरोप निराधार हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पहली बार एनसीईआरटी ने पाठ्यपुस्तकों में भारत के संविधान के विभिन्न पहलुओं -प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्य, मौलिक अधिकार, राष्ट्रगान को उचित महत्व व सम्मान देने का काम किया है.’

कांग्रेस की झूठ की राजनीति

उन्होंने कहा, ‘लेकिन शिक्षा जैसे विषय को भी अपनी झूठ की राजनीति के लिए इस्तेमाल करना और इसके लिए बच्चों का सहारा लेना, कांग्रेस पार्टी की घृणित मानसिकता को दिखाता है. मैकाले की विचारधारा से प्रेरित कांग्रेस शुरू से ही भारत के विकास और शिक्षा व्यवस्था से घृणा रखती है.’

कांग्रेस का पाप का घड़ा भर चुका है..

शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि यह तर्क कि केवल संविधान की प्रस्तावना ही संवैधानिक मूल्यों का प्रतिबिंब है, कांग्रेस की संविधान की समझ को उजागर करता है. प्रधान ने कहा, ‘कांग्रेस का पाप का घड़ा भर चुका है और आजकल जो ‘झूठे संविधान प्रेमी’ बनकर घूम रहे हैं और संविधान की प्रति लहरा रहे हैं, इनके पूर्वजों ने ही बार-बार संविधान की मूल भावना की हत्या करने का काम किया था.’

बच्चों के नाम पर ऐसी राजनीति नहीं होनी चाहिए

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस में अगर थोड़ी सी भी शर्म और आत्मग्लानि बची हो, तो पहले संविधान, संवैधानिक मूल्यों और एनईपी को समझे और देश के बच्चों के नाम पर अपनी क्षुद्र राजनीति करना बंद करे.’

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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