Monsoon Session: मानसून सत्र में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष, बैठक कर बनाया जाएगा प्लान
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Monsoon Session: मानसून सत्र में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष, बैठक कर बनाया जाएगा प्लान

Monsoon session of Parliament: संसद में 18 जुलाई से मानसून सत्र शुरू हो रहा है. इसे लेकर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष मोदी सरकार को घेरने का प्लान बना रहा है. इसक लिए विपक्ष रविवार को एक बैठक आयोजित करेगा.

Monsoon Session: मानसून सत्र में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष, बैठक कर बनाया जाएगा प्लान

Monsoon session of Parliament: कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष मानसून सत्र में मोदी सरकार को घेरने की रणनीति तैयार करेगा. इसके लिए विपक्ष ने रविवार को बैठक बुलाई है. इस बैठक में विपक्षी दलों के साथ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) भी शामिल होगी. विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करने के बाद, TRS के विपक्षी दलों में शामिल होने की संभावना है. गौरतलब है कि TRS को केंद्र में सत्तारूढ़ दल का करीब माना जाता है, लेकिन चावल की खरीद के मुद्दे पर दोनों पार्टियों में तनाव चल रहा है.

बीजेपी से नाराजगी के बाद TRS रहेगा बैठक में शामिल

यही वजह है, कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी के वक्त मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) नजर नहीं आए थे. बीजेपी से नाराजगी के कारण केसीआर ने विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करने का ऐलान किया.

जेएमएम और शिवसेना दे चुके हैं NDA को समर्थन

आगामी मानसून सत्र की संयुक्त रणनीति को लेकर विपक्षी दलों की रविवार को बैठक हो रही है, जिसमें उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार पर भी चर्चा होगी. इसके लिए टीआरएस को न्योता दिया गया है. राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी एकता को जोरदार झटका तब लगा, जब जेएमएम और शिवसेना जैसे कांग्रेस के सहयोगियों ने द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने की घोषणा की.

18 जुलाई से शुरू होगा मानसून सत्र

गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा. इसमें कुल 26 दिनों की अवधि में 18 बैठकें होंगी. वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को और उपराष्ट्रपति के रूप में एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है. संसद का यह सत्र खास रहने वाला है, क्योंकि 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान होना है. दूसरी ओर, उपराष्ट्रपति का चुनाव 6 अगस्त को होगा. उपराष्ट्रपति पद के लिए यदि निर्विरोध निर्वाचन नहीं हुआ तो उसी दिन मतों की गणना भी होगी.

(इनपुट- भाषा और आईएएनएस)

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