Gujarat: ऐशो-आराम की लग्जरी लाइफ छोड़ हीरा व्यापारी की बेटी बनी साध्वी, 9 साल की छोटी उम्र में लिया कठोर फैसला
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Gujarat: ऐशो-आराम की लग्जरी लाइफ छोड़ हीरा व्यापारी की बेटी बनी साध्वी, 9 साल की छोटी उम्र में लिया कठोर फैसला

Gujarat: गुजरात में 9 साल की बच्ची ने कठोर फैसला लेकर सभी को हैरान कर दिया है. बच्ची ने नन्ही सी उम्र में साध्वी बनने का निर्णय कर लिया. गौर करने वाली बात यह है कि इस बच्ची के जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं थी.

Gujarat: ऐशो-आराम की लग्जरी लाइफ छोड़ हीरा व्यापारी की बेटी बनी साध्वी, 9 साल की छोटी उम्र में लिया कठोर फैसला

Gujarat: गुजरात में 9 साल की बच्ची ने कठोर फैसला लेकर सभी को हैरान कर दिया है. बच्ची ने नन्ही सी उम्र में साध्वी बनने का निर्णय कर लिया. गौर करने वाली बात यह है कि इस बच्ची के जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं थी. वह हीरा व्यापारी की बेटी है. गुजरात के हीरा व्यापारी देश के नामी-गिरामी हीरा व्यापारियों में से एक हैं. 9 साल की उम्र में साध्वी बनने के बच्ची के फैसले की चर्चा हर तरफ हो रही है. हीरा व्यापारी की नौ साल की बेटी ने भौतिक सुख-सुविधाओं का त्याग कर जैन साध्वी के तौर पर दीक्षा ले ली है. इस बाज की जानकारी परिवार के एक करीबी ने दी है.

उन्होंने बताया कि धनेश और अमि सांघवी की दो बेटियों में से बड़ी बेटी देवांशी ने सूरत वेसु इलाके में जैन मुनि आचार्य विजय कीर्तियशसुरि की उपस्थिति में दीक्षा ली. इस मौके पर सैकड़ों लोग मौजूद रहे.

देवांशी के पिता सूरत में हीरा व्यापार करने वाली लगभग तीन दशक पुरानी कंपनी ‘संघवी एंड संस’ के मालिक हैं. नाबालिग लड़की की ‘दीक्षा’ उसके तपस्वी जीवन में प्रवेश का प्रतीक है. समारोह पिछले शनिवार को शुरू हुआ था.

पारिवारिक मित्र नीरव शाह ने कहा कि देवांशी का झुकाव बहुत कम उम्र से ही आध्यात्म की ओर था और उन्होंने अन्य मुनियों के साथ लगभग 700 किलोमीटर की पैदल यात्रा की थी.

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(एजेंसी इनपुट के साथ)

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