National Food Security Act: खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि NFSA के तहत गरीबों को मुफ्त में अनाज दिया जाएगा. हालांकि, सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की समय सीमा को बढ़ाने से इनकार कर दिया है.
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Free ration to poor people for one year: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 81.3 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज के वितरण के समय को और एक साल के लिए बढ़ा दिया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को मुफ्त राशन देने पर करीब दो लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी, इसका बोझ केंद्र सरकार उठाएगी. शुक्रवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसला लिया गया.
सरकार ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत 81.35 करोड़ गरीबों को एक साल तक मुफ्त राशन देने का फैसला किया. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह तय किया गया कि 81.3 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज बांटने पर होने वाले 2 लाख करोड़ रुपये के खर्च के आर्थिक बोझ को केंद्र सरकार वहन करेगी.
खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि NFSA के तहत गरीबों को मुफ्त में अनाज दिया जाएगा. हालांकि, सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की समय सीमा को बढ़ाने से इनकार कर दिया है, जिसकी अवधि 31 दिसंबर को खत्म होने वाली है.
इस योजना के तहत सरकार अब तक 81.35 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन देती रही है. इस योजना के तहत मिलने वाला अनाज NFSA के तहत मिलने वाले सब्सिडाइज्ड अनाज से अलग होता है. कुल मिलाकर बात ये है कि NFSA के तहत पहले जिस अनाज को गरीब 2 से 3 रुपये किलो राशन की दुकान से खरीदते थे उसे अब एक साल के लिए मुफ्त कर दिया गया है.
NFSA के तहत गरीबों को चावल तीन रुपये किलो और गेंहू दो रुपये किलो मिलता है. सरकारी अधिकारियों ने केंद्र सरकार के इस फैसले को गरीबों के लिए न्यू ईयर गिफ्ट बताया है. इस योजना के तहत अब लाभार्थियों को किसी प्रकार का शुल्क नहीं चुकाना होगा.
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