Monsoon Update: चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों से कब मिलेगी राहत? IMD ने बता दी मॉनसून एंट्री की तारीख, झमाझम बरसेंगे बदरा
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Monsoon Update: चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों से कब मिलेगी राहत? IMD ने बता दी मॉनसून एंट्री की तारीख, झमाझम बरसेंगे बदरा

Weather News in Hindi: लू के थपेड़ों और चिलचिलाती धूप ने लोगों के छक्के छुड़ा रखे हैं. इसी बीच लोगों को जिस बात का इंतजार था, वह खुशखबरी आ गई है. मौसम विभाग ने इस साल मॉनसून एंट्री की संभावित तारीख बता दी है. 

 

Monsoon Update: चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों से कब मिलेगी राहत? IMD ने बता दी मॉनसून एंट्री की तारीख, झमाझम बरसेंगे बदरा

IMD Monsoon 2024 Prediction: जैसे-जैसे मई का महीना आगे बढ़ रहा है, गर्मी का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है. सुबह के 8 बजते ही तेज धूप लोगों के पसीने छुड़ाने लग जाती है. ऐसे में राहत पाने के लिए अब सबकी नजरें मॉनसून की एंट्री पर टिकी हैं. देश के करोड़ों लोगों की उम्मीद को पूरा करते हुए मौसम विभाग ने अब मॉनसून पर गुड न्यूज दे दी है. विभाग ने भविष्यवाणी की है कि इस साल 1 जून को दक्षिण पश्चिम मानसून केरल में एंट्री कर कर सकता है. इसके बाद यह धीरे- धीरे उत्तर भारत की ओर मूव करेगा और देशभर में बारिश का सिलसिला शुरू होगा. 

25 मई से 8 जून तक बारिश की फुहार!
 
प्राइवेट मौसम वेबसाइट स्काईमेट वेदर के मुताबिक मॉनसून एंट्री की अनुमानित तारीख में औसतन 7 दिनों का विचलन रखा जाता है. इसका मतलब ये है कि अगर केरल में मॉनसून एंट्री की तारीख 1 जून रखी गई है तो वह एक सप्ताह पहले या एक सप्ताह बाद तक आ सकता है. लिहाजा यह 25 मई से 8 जून के बीच कभी भी एंट्री कर सकता है. वर्ष 2018 और 2022 में मानसून का आगमन 29 मई को हुआ था. वहीं 2019 और 2023 में मानसून सबसे देर यानी 8 जून को आया था.

17 मई से रोज बढ़ेगा तापमान

इसी बीच तेज बढ़ती गर्मी पर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है. विभाग का कहना है कि अब हर गुज़रते दिन के साथ पारा चढ़ता जाएगा और यह 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. IMD यानी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 17 से 20 मई तक उत्तर भारत के कई राज्यों में गंभीर हीटवेव का अलर्ट जारी किया है. जिन राज्यों के लिए यह अलर्ट जारी किया गया है, उनमें राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, यूपी, मध्य प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर शामिल हैं. 

पंजाब-हरियाणा के लिए ऑरेंज अलर्ट

मौसम विभाग ने पंजाब और हरियाणा के लिए तो ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. संभावना जताई गई है यहां 18 और 19 मई को पारा 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो इस वीकेंड से दिल्ली में भी लू की शुरुआत हो सकती है. इस दौरान दिल्ली- एनसीआर में 18 मई को अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पहुंच सकता है. इस दौरान दिन में तेज़ हवाओं और लू के साथ चिलचिलाती धूप लोगों को परेशान कर सकती है. 

वहीं चंडीगढ़ के लिए येलो अलर्ट जारी करने के साथ हीटवेव की भविष्यवाणी की गई है. आपको बता दें कि मैदानी इलाकों में किसी भी स्टेशन पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री या उससे ज्यादा होता है तब हीटवेव की स्थिति बनती है.

दक्षिणी राज्यों में बारिश के आसार

हालांकि इस तेज गर्मी के बीच राहत भरी खबर भी है. प्राइवेट मौसम वेबसाइट स्काईमेट वेदर के मुताबिक अगले 24 घंटे के दौरान, तेलंगाना, तटीय कर्नाटक, आंतरिक तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ कुछ भारी बारिश की उम्मीद है.

इसी तरह दक्षिणी छत्तीसगढ़, दक्षिणी ओडिशा, तमिलनाडु, आंतरिक कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. पूर्वोत्तर भारत, विदर्भ, मराठवाड़ा, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र और गुजरात में हल्की बारिश संभव है. 

इन राज्यों में चलेगी लू

पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार के अधिकांश हिस्सों, झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मौसम लगभग शुष्क हो सकता है और इन क्षेत्रों में तापमान बढ़ जाएगा. गुजरात, राजस्थान, पंजाब के कुछ हिस्सों और हरियाणा में लू की स्थिति संभव है.

हर साल टूट रहा गर्मी का रिकॉर्ड

धरती तेज़ी से गरम होती जा रही है और गर्मी का रिकॉर्ड हर साल टूट रहा है. लेकिन 2023 की गर्मी ने तो हजारों साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया. नेचर जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में पृथ्वी के तापमान ने 2 हजार सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. पहले वैज्ञानिकों ने बताया था कि 1850 के बाद 2023 दूसरा सबसे गर्म साल था लेकिन, नई स्टडी के मुताबिक 2023 बीते 2 हजार सालों में सबसे गर्म साल रहा. 

2050 तक विकट हो जाएंगे हालात!

वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के बढ़ते तापमान के लिए ग्लोबल वॉर्मिंग को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही चेतावनी दी कि तापमान और आबादी बढ़ने की वजह से 2050 तक करोड़ों बुजुर्गों को खतरनाक गर्मी का सामना करना पड़ेगा. स्टडी के मुताबिक 14 प्रतिशत बुजुर्ग 37 डिग्री से ज्यादा तापमान में रह रहे हैं. जबकि साल 2050 तक बुज़ुर्गों की संख्या 23 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है. ऐसे में पृथ्वी के बढ़ते तापमान को रोकने के लिए दुनिया के सभी देशों को एकजुट होकर ग्लोबल वॉर्मिंग के खिलाफ मुहिम तेज करनी होगी. 

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