बदलते बस्तर की तस्वीर: हार्डकोर नक्सली हिडमा के घर पहुंचे SP, मां से की मुलाकात
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बदलते बस्तर की तस्वीर: हार्डकोर नक्सली हिडमा के घर पहुंचे SP, मां से की मुलाकात

Chhattisgarh Naxalite: छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग सबसे ज्यादा नक्सलियों से घिरा हुआ इलाका है, लेकिन यहां से एक ऐसी तस्वीर सामने आई हैं जो बेहद दिलचस्प है, क्योंकि पुलिस ने पहली बार सीधे नक्सलियों के गांव में एंट्री में ली है. 

नक्सली हिडमा के घर पहुंची पुलिस

Hardcore Naxalite Hidma: नक्सलवाद एक ऐसी समस्या है, जिससे आज भी देश के कई राज्य प्रभावित हैं, छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. लेकिन पिछले कुछ सालों से पुलिस और प्रशासन लगातार नक्सलियों पर नकेल कसने में जुटा है. सुकमा जिला भी सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित माना जाता है. लेकिन अब पुलिस ने नक्सलियों के गढ़ में सीधे एंट्री कर ली है, जिसकी तस्वीर भी सामने आई है, दरअसल, एसपी किरण चव्हाण ने हार्डकोर नक्सल कमांडर हिडमा के गांव में पहुंचकर न केवल गांव में कैंप बसाया बल्कि हिडमा की मां से भी मुलाकात की है. 

हिडमा की मां से की मुलाकात 

एसपी किरण चव्हाण हिडमा के गांव पूवर्ती पहुंचे जहां उन्होंने हिडमा की मां और दूसरे परिजनों से मुलाकात की है. एसपी ने सभी को यह आश्वासन दिया कि हम ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए ही यहां आए हैं, शासन की मंशा हैं कि सारी मूलभूत सुविधाएं ग्रामीणों तक पहुंचे इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि अब नक्सलियों का साथ नहीं दे, आपकी जो भी समस्या हो उसे हमें बताए आपकी हर संभव मदद की जाएगी. बताया जा रहा है कि हिडमा की मां ने भी पुलिस को सहयोग करने की बात कही है. 

हिडमा के गांव में फहराया तिरंगा 

दरअसल, पूवर्ती गांव नक्सलियों की राजधानी कहा जाता है, अब तक इस गांव के आसपास पहुंचना भी पुलिस के लिए खतरे से खाली नहीं माना जाता था, लेकिन पहली बार न केवल इस इलाके में पुलिस ने एंट्री की है, बल्कि पूवर्ती गांव में सुरक्षाबलों ने अपना कैंप भी स्थापित कर दिया हैं और यहां आजादी के बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया है. बता दें कि पूवर्ती में कैंप स्थापित करना सुरक्षाबलों की एक बहुत बड़ी कामयाबी हैं. क्योंकि 27 से अधिक मामलों में मोस्ट वांटेड हार्डकोर नक्सली हिडमा इसी गांव से आता है, वहीं बटालियन कमांडर बारसे देवा सहित 100 से अधिक नक्सली इसी पूवर्ती गांव के रहने वाले हैं. यहां के लगभग हर घर से नक्सलियों का कनेक्शन माना जाता है. ऐसे में इस गांव में पुलिस का कैंप स्थापित होना पुलिस की बड़ी सफलता माना जा रहा है. 

नक्सलगढ़ में पुलिस कैंप 

बस्तर के बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर बना पूवर्ती गांव नक्सलगढ़ माना जाता है. माना जाता है कि नक्सलवाद का जितना भी नेटवर्क छत्तीसगढ़ में चलता है उसमें पूवर्ती गांव की अहम भूमिका होती है. यहां के आसपास का इलाका संगठन के बेहद सुरक्षित पनाहगार के रूप में माना जाता है. ऐसे में पुलिस ने यहां कैंप खोलकर न केवल सबसे बड़ा रिस्क लिया है, लेकिन सबसे बड़ा ऑपरेशन भी शुरू किया है. अगर पुलिस यहां के लोगों को मुख्यधारा में जोड़ने में सफल हो गई, तो यह पुलिस के लिए सबसे बड़ी कामयाबी होगी. क्योंकि इस इलाके में कैंप खोलना तो दूर की बात ऑपरेशन चलाना तक मुश्किल होता था. 

हार्डकोर नक्सली है हिडमा 

बता दें कि हिडमा छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का टॉप कमांडर माना जाता है, जो पुलिस के लिए मोस्ट वांडेट हैं. उसने न जाने कितने नक्सली हमलों को अंजाम दिया है, बस्तर संभाग उसका सबसे बड़ा गढ़ माना जाता है. हिडमा पर छत्तीसगढ़ , आंध्र प्रदेश, तेलंगाना समेत उड़ीसा की सरकारों ने लाखों रुपए का इनाम घोषित कर रखा है. चार राज्यों की पुलिस उसकी तलाश में जुटी है. अब तक हिडमा को पकड़ने के लिए कई ऑपरेशन चलाई गए हैं, लेकिन वह पुलिस और सुरक्षा बलों की पकड़ से भागता रहा है. लेकिन अब पुलिस हिडमा के गांव में ही घुस चुकी है. 

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