Rewa News: मध्य प्रदेश के रीवा में एक अनोखा शिव मंदिर है, जहां दीवारों पर इस्लाम का पहला कलमा भी लिखा हुआ है. यह मंदिर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल है. आइए जानते हैं इसकी कहानी.
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Rauriha Nath temple Rewa: मध्य प्रदेश के रीवा में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर गंगा-जमुनी तहजीब का जीता जागता उदाहरण प्रस्तुत करता है. इस मंदिर की दीवार पर इस्लाम का पहला कलमा लिखा हुआ है. इतिहासकार बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण केशव राय ने करवाया था, जिनकी मां और पत्नी मुस्लिम थीं. इस मंदिर में हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के प्रतीक मौजूद हैं जो हिंदू-मुस्लिम एकता का अनूठा उदाहरण है.
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अरबी भाषा में इस्लाम का पहला कलमा
दरअसल, मध्य प्रदेश के रीवा जिले के गुढ़ रोड पर खड्डा गांव में एक तालाब के किनारे भव्य प्राचीन शिव मंदिर है. इसे रौरिहा नाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर 1755 में बनकर तैयार हुआ था, इसका निर्माण केशव राय ने कराया था. इसकी दीवार पर आज भी अरबी भाषा में इस्लाम का पहला कलमा लिखा हुआ है. हालांकि, कारीगरों की लापरवाही के कारण इस पत्थर को उल्टा लगा दिया गया था जो आज भी उसी तरह लगा हुआ है.
मंदिर में क्यों लिखवाया कलमा
इतिहासकारों के अनुसार केशव राय की मां और पत्नी मुस्लिम थीं और उनके कहने पर ही उन्होंने इस पर कलमा लिखवाया था. जब वो खड्डा में इस शिव मंदिर का निर्माण करा रहे थे तब उनकी मां ने उनसे इस पर कलमा लिखवाने का आग्रह किया था, जिसके बाद केशव राय ने इस्लाम के पहले कलमा वाले पत्थर को इसमें लगवा दिया था. हालांकि अब यह स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता.
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मंदिर की बनावट
मंदिर की संरचना की बात करें तो पश्चिमी द्वार का मेहराब मुगल शैली का है. मंदिर के पश्चिमी भाग की बाहरी दीवार पर एक पत्थर के खंड पर अरबी में इस्लाम का पहला कलमा लिखा हुआ है. हालांकि, कारीगरों की लापरवाही के कारण इस पत्थर को उल्टा लगा दिया गया था जो आज भी उसी तरह लगा हुआ है. इस दो मंजिला मंदिर के पश्चिमी भाग के बरामदे से पहली मंजिल तक पहुंचने के लिए संकरी सीढ़ियां हैं. भूतल पर कक्षों के ठीक ऊपर चार खंभों पर छतरियां टिकी हुई हैं.
भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त
इस मंदिर के बारे में इतिहासकारों का कहना है कि यह मंदिर रीवा राज्य का प्राचीन शिव मंदिर है, जिसका निर्माण महाराजा अवधूत सिंह के पुत्र केशव राय ने करवाया था. केशव राय बहुत बहादुर थे. उनकी मां और पत्नी मुस्लिम थीं और केशव राय भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे.