Jaya Verma Sinha: जया वर्मा सिन्हा 1986 बैच की आईआरटीएस अधिकारी हैं. इस समय वे इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस की अधिकारी हैं और साथ ही में रेलवे बोर्ड में मेंबर ऑपरेशन और बिजनेस हैं. वे एक सितंबर से पदभार ग्रहण करेंगी.
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Chairman Of Railway Board: भारतीय रेलवे बोर्ड को पहली बार महिला चेयरमैन और सीईओ मिल गया है. केंद्र सरकार ने गुरुवार को भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा की मेंबर जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड का चेयरमैन और बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी कि सीईओ नियुक्त किया हैं. इस तरह सरकार ने पहली बार रेलवे की कमान एक महिला के हाथों में सौंपने का ऐतिहासिक कदम उठाया है. जया वर्मा सिन्हा रेलवे बोर्ड की सीईओ बनने वाली पहली महिला अधिकारी हैं.
संबंधित नियुक्ति पत्र जारी
दरअसल, अप्वाइंटमेंट कमेटी ऑफ द कैबिनेट (एसीसी) ने इससे संबंधित नियुक्ति पत्र जारी किया है. जानकारी के मुताबिक रेलवे ने वरीयता के आधार पर चार लोगों का पैनल तैयार किया था. इस पैनल में जया वर्मा सिन्हा को अध्यक्ष बनाने पर मुहर लगी है. इस फैसले के बाद जया वर्मा सिन्हा मौजूदा बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ एके लाहोटी की जगह लेंगी. वे अनिल कुमार लाहोटी की जगह लेंगी और 1 सितंबर, 2023 को पदभार ग्रहण करेंगी. उनका कार्यकाल 31 अगस्त, 2024 तक होगा.
कोरोमंडल हादसे के समय काफी सक्रिय
जया वर्मा सिन्हा बालासोर में हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे के समय काफी सक्रिय थीं और पूरे घटनाक्रम पर विस्तार से नजर रख रही थीं. इतना ही नहीं वे पीएमओ में भी इस घटना को लेकर पावर प्रजेंटेशन दे रही थीं. इस दौरान इनकी कार्यशैली की काफी प्रशंसा हुई थी. अब सरकार ने जया वर्मा सिन्हा की नियुक्ति पर मुहर लगा दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र सिन्हा 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा में शामिल हुई थी. इसके बाद उन्होंने उत्तर रेलवे, दक्षिण-पूर्व रेलवे और पूर्वी रेलवे में काम किया.
Jaya Verma Sinha, Indian Railway Management Services (IRMS), Member (Operations & Business Development), Railway Board appointed as Chairman & Chief Executive Officer (CEO), Railway Board: Govt of India pic.twitter.com/ERczDOERtY
— ANI (@ANI) August 31, 2023
पहले की नियुक्तियां
सिन्हा ने चार वर्षों तक बांग्लादेश के ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में भी काम किया है. बांग्लादेश में उनके कार्यकाल के दौरान ही कोलकाता से ढाका तक चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन किया गया था. फिलहाल अब उनकी नियुक्ति रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ के रूप में हो गई है.