BRICS मीटिंग में पीएम के साथ बैठने पर अड़ गए इस देश के राष्ट्रपति, विदेश मंत्री बोले- बदल गया था माहौल
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BRICS मीटिंग में पीएम के साथ बैठने पर अड़ गए इस देश के राष्ट्रपति, विदेश मंत्री बोले- बदल गया था माहौल

Dr S Jaishankar on brics Meeting:  सीआईआई के एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने बताया कि कैसे चांद पर विक्रम लैंडर की कामयाबी के बाद कैसे ब्रिक्स मीटिंग का माहौल बदल गया.

BRICS मीटिंग में पीएम के साथ बैठने पर अड़ गए इस देश के राष्ट्रपति, विदेश मंत्री बोले- बदल गया था माहौल

Chandrayaan 3 Mission: हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स देशों का सम्मेलन हुआ था.उस सम्मलेन के दौरान एक खास प्रसंग का जिक्र विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने रोचक अंदाज में किया. सीआईआई के एक कार्यक्रम में बताया कि जब 23 अगस्त को चंद्रयान 3 जब इतिहास रचने के लिए तैयार था उस समय बैठक वाली हॉल में एक बड़ी स्क्रीन लगी हुई थी. हम लोगों की नजर स्क्रीन से नहीं हट रही थी. उस हाल में एक यू आकार की टेबल थी और करीब 100 से 150 लोग मौजूद थे. जिस समय भारत ने इतिहास रचा उस वक्त बधाई देने वालों की भीड़ लग गई. यही नहीं दक्षिणी अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा ने जिस तरह से प्रतिक्रिया दी वो अपने आप में अलहदा था,

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जब अड़ गए

विदेश मंत्री ने कहा कि अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा भी कमरे में थे. राष्ट्रपति ने इशारा करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है भारत के विदेश मंत्री के लिए टीवी स्क्रीन पर ही चंद्रयान 3 है. यही नहीं विक्रम लैंडर के उतरने के बाद दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने जिद किया कि वो पीएम नरेंद्र मोदी के पास ही बैठेंगे. चंद्रयान 3 के सफल अभियान के बाद ब्रिक्स का माहौल बदला हुआ था. सदस्य देशों की प्रतिक्रिया से ऐसा लगा कि जैसे कामयाबी सिर्फ भारत की नहीं पूरी दुनिया की है. उन्होंने कहा कि चंद्रयान तीन की सफल लैंडिंग के बाद ब्रिक्स देशों की तरफ से जो रिएक्शन आया वो हमारे लिए किसी बड़ी कामयाबी से कम नहीं थी.  जैसा कि पीएम मोदी ने भी कहा कि चंद्रयान तीन की कामयाबी सिर्फ भारत की नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए खास है.

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि आज भारत दुनिया के अलग अलग फोरम पर अपनी आवाज को बुलंद तरीके से पेश करता है. यह सब कुछ इसलिए भी संभव हो सका है क्योंकि हम एक मजबूत नेतृत्व में आगे बढ़ रहे हैं, जिस तरह से वैश्विक समीकरणों में बदलाव हुआ है उस हालात में जो देश तकनीकी और राजनीतिक तौर पर सशक्त होगा उसकी आवाज को दुनिया के दूसरे देश भी तवज्जो देंगे. बदलते भारत की पहचान अब सशक्त देश की है. अब हम अपनी बात को दमदारी के साथ दुनिया के सामने पेश करने में समर्थ हो रहे हैं.

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