Waqf Board: पिछले 5 सालों में कितनी जमीन वक्‍फ बोर्ड को दी? सरकार ने दिया जवाब
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Waqf Board: पिछले 5 सालों में कितनी जमीन वक्‍फ बोर्ड को दी? सरकार ने दिया जवाब

Waqf Act: वक्‍फ की 994 अवैध परिसंपत्तियों में से सबसे अधिक 734 तमिलनाडु में हैं. उसके बाद क्रमश: आंध्र प्रदेश (152), पंजाब (63), उत्‍तराखंड (11) और जम्‍मू और कश्‍मीर (10) में हैं.

Waqf Board: पिछले 5 सालों में कितनी जमीन वक्‍फ बोर्ड को दी? सरकार ने दिया जवाब

Waqf Board Properties: वक्‍फ एक्‍ट के दायरे में कुल कितनी संपत्तियां रजिस्‍टर्ड हैं? कुल कितनी संपत्तियों पर वक्‍फ ने अतिक्रमण कर रखा है या अवैध कब्‍जा किया है? माकपा सांसद जॉन ब्रिटास के सवालों पर सरकार ने संसद के भीतर एक लिखित जवाब में कहा कि देश में वक्‍फ एक्‍ट के तहत 8,72,352 अचल और 16,713 चल संपत्तियां वक्‍फ संपत्तियों के रूप में रजिस्‍टर्ड हैं. अल्‍पसंख्‍यक मंत्रालय ने वक्‍फ असेट्स मैनेजनमेंट सिस्‍टम ऑफ इंडिया (WAMSI) पोर्टल के हवाले से ये जानकारी दी. अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने बताया कि इस पोर्टल के मुताबिक 994 संपत्तियों पर वक्‍फ के अवैध कब्‍जे/अतिक्रमण की जानकारी सामने आई है. 

अवैध कब्‍जा
मंत्रालय ने बताया कि वक्‍फ की 994 अवैध परिसंपत्तियों में से सबसे अधिक 734 तमिलनाडु में हैं. उसके बाद क्रमश: आंध्र प्रदेश (152), पंजाब (63), उत्‍तराखंड (11) और जम्‍मू और कश्‍मीर (10) में हैं. इसी तरह के एक सवाल के जवाब में राज्‍यसभा में सोमवार को सरकार ने बताया कि केंद्र ने 2019 से वक्‍फ बोर्ड को कोई जमीन हस्‍तांतरित नहीं की है. राज्‍यसभा मेंबर मिथिलेश कुमार ने ये सवाल पूछा था. इसका लिखित जवाब आवास और शहरी मंत्रालय ने दिया. 

दरअसल मिथिलेश कुमार ने सवाल ये पूछा था कि केंद्र और राज्‍य सरकारों ने 2019 से कितनी जमीन वक्‍फ बोर्ड को हस्‍तांतरित की है? इस पर मंत्रालय ने जवाब दिया कि चूंकि जमीन (Land) राज्‍य सूची का विषय है. इसलिए राज्‍यों की तरफ से वक्‍फ को दी जाने वाली जमीन की जानकारी मंत्रालय के पास नहीं है. यानी राज्‍य सरकारों की तरफ से इस तरह का कोई डाटा नहीं दिया गया है. जहां तक केंद्र सरकार का सवाल है तो भारत सरकार ने 2019 से कोई जमीन वक्‍फ को हस्‍तांतरित नहीं की है.  

गौरतलब है कि सरकार ने इसी साल अगस्‍त में वक्‍फ (संशोधन) बिल पेश किया था. इस बिल को विमर्श के लिए संयुक्‍त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है. जेपीसी को अगले साल बजट सत्र के आखिरी हफ्ते तक अपनी रिपोर्ट पेश करनी है.

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