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चंडीगढ़: केंद्र के तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया था. लेकिन उनकी मांग थी कि MSP को लेकर कानून बनाया जाए और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं. इस कड़ी में हरियाणा सरकार की ओर से किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है.
सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा में दर्ज हुए मामलों वापस लेने की तैयारी कर ली है. हरियाणा गृह विभाग ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर को चिट्ठी लिखी है जिसमें 9 सितंबर 2020 से लेकर अब तक दर्ज किए गए मामलों की जानकारी मांगी गई है.
गृह विभाग ने जिले के अधिकारियों से सभी मुकदमों के सारे तथ्यों की जानकारी मांगी है और साथ में ये भी पूछा क्या जनहित में यह केस वापस लिए जा सकते हैं? साथ ही सभी जिला उपायुक्तों से मुकदमे वापस लेने को लेकर डिस्टिक अटॉर्नी की रिपोर्ट और एसपी की राय भी मांगी गई है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को विधान सभा में कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर चले आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ राज्य में 276 मुकदमे दर्ज किए गए और गंभीर अपराधों को छोड़कर अधिकतर को वापस लिए जाने की प्रक्रिया जारी है.
आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ राज्य में दर्ज मुकदमों से जुड़े सवाल के जवाब में खट्टर ने विधान सभा में कहा कि इनमें से चार मुकदमे गंभीर अपराध के तहत दर्ज हैं. बाकी बचे 272 मुकदमों में से 178 में चार्जशीट तैयार की जा रही है जबकि 57 मामलों में प्रगति नहीं हुई है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों को छोड़कर किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों को वापस लेगी.
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