Mughal Emperor: इस अय्याश बादशाह ने चौपट कर दी मुगलों की विरासत, चापलूसों की फौज पर उड़ाया खूब पैसा!
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Mughal Emperor: इस अय्याश बादशाह ने चौपट कर दी मुगलों की विरासत, चापलूसों की फौज पर उड़ाया खूब पैसा!

Jahandar Shah Who Become A Dumb King: इतिहास की किताबों में आपको मुगल बादशाह जहांदार शाह के अय्याशी के किस्से पढ़ने को मिल जाएंगे. इसके शासन काल में नौबत यहां तक आ गई थी कि यह मुगल शासक केवल नाम मात्र का बादशाह रह गया था और सत्ता की चाबी वजीर ने अपने हाथ में ले ली थी.

फाइल फोटो

Who In Jahndar Shah: एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों से हाल ही में मुगल काल के पाठ्यक्रम को कम कर दिया गया है. इसे लेकर चारों तरफ खूब हो-हल्ला हो रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि एक ऐसा भी मुगल बादशाह हुआ था जिसने मुगल विरासत के पतन में पूरा योगदान दिया. इतिहास की किताबों में आपको इस बादशाह के अय्याशी के किस्से पढ़ने को मिल जाएंगे. नौबत यहां तक आ गई थी कि यह मुगल शासक केवल नाम मात्र का बादशाह रह गया था लेकिन सत्ता की चाबी वजीर के हाथ में थी.

मुगल काल के इस अय्याश और रंगीन मिजाजी मुगल बादशाह का नाम जहांदार शाह था जो बहादुर शाह जफर का बेटा था. जहांदार शाह ने मुगल सल्तनत की गद्दी पाने के लिए अपने ही भाइयों को रास्ते से हटा दिया था जिनमें जहांशाह, रफीउश्शान और अजीम-उश-शान का नाम शामिल था.

बहादुर शाह जफर की मौत के बाद इन चारों बेटों में सत्ता के लिए खूब संघर्ष हुआ. अंत में सत्ता पाने के लिए जहांदार शाह ने अपने भाइयों को रास्ते से हटा दिया और उसके बाद उनके बेटों को बंदी बना लिया ताकि कोई अपना अधिकार न मांग पाए. ‘भारत का मुगल इतिहास’ किताब से पता चलता है कि जहांदार शाह चारों तरफ से चापलूसों की फौज से घिरा हुआ था जो इसकी खूब बड़ाई कर रहे थे उन पर जहांदार खूब पैसा लुटाता था. किताब में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि बादशाह ने अपने दरबार से काबिल, बुद्धिमान और पढ़े-लिखे लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था और दिन-रात भोग विलास के मंजर में डूबा रहता था. इस बादशाह के छोटे से शासनकाल में दरबार में नाचने-गाने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ था.

जहांदार शाह के इस तरह भोग-विलास के नशे में चूर होने का फायदा इसके वजीर जुल्फिकार ने उठाया और खुद के मनमर्जी से सत्ता को संचालित करने लगा था. इसके बाद से ही मुगल शासन काल के बुरे दिन शुरू हो गए और धीरे-धीरे सल्तनत सिमटने में लगी थी. लोगों के मन से बादशाह की इज्जत कम होने लगी और मूर्ख शासक की वजह से  मुगल साम्राज्य के बुरे दिन शुरू हो गए थे.

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