Land For Job Scam: यह कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू यादव केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की पहली सरकार में रेल मंत्री हुआ करते थे.
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Land For Job Scam News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित रूप से नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में अमित कात्याल को गिरफ्तार किया है. कात्याल को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव का सहयोगी बताया जा रहा है
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने कात्याल को शुक्रवार को हिरासत में लिया और फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने कहा कि कात्याल को स्थानीय अदालत में पेश किए जाने की संभावना है, जहां ईडी पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की मांग करेगी.
सूत्रों के मुताबिक, कात्याल करीब दो महीने से ईडी के समन की अनदेखी कर रहा था. दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल में इस मामले में उसके खिलाफ जारी ईडी के समन को रद्द करने के अनुरोध वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी.
ईडी ले चुकी है कात्याल के ठिकानों की तलाशी
ईडी ने इस साल मार्च में जब लालू, तेजस्वी, उनकी बहनों और अन्य के परिसरों पर छापे मारे थे, तब कात्याल से जुड़े ठिकानों की भी तलाशी ली गई थी.
जांच एजेंसी के अनुसार, कात्याल आरजेडी सुप्रीमो का ‘करीबी सहयोगी’ होने के साथ-साथ ‘ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ का पूर्व निदेशक भी है.
एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड इस मामले में कथित तौर पर एक ‘लाभार्थी कंपनी’ है और इसका रजिस्टर्ड एड्रेस दक्षिणी दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक रेजिडेंशियल बिल्डिंग है, जिसका इस्तेमाल तेजस्वी यादव कर रहे थे.
क्या है यह घोटाला?
कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे.
आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप ‘डी’ पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था. इसके बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दी थी.
मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया ईडी का यह मामला सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर आधारित है.
‘नियुक्ति के जारी नहीं किया गया विज्ञापन’
सीबीआई के अनुसार, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट के रूप में नियुक्त किया गया था.
‘अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची गई’
जांच एजेंसी का आरोप है कि बदले में उम्मीदवारों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू के परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची, जो मौजूदा बाजार दरों के एक-चौथाई से पांचवें हिस्से तक थी.
(एजेंसी इनपुट के साथ)