दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (DUSU) के नतीजों का ऐलान कर दिया गया है. 2 महीने की देरी आए नतीजों में एक बार फिर ABVP का दबदबा देखने को मिला है. एबीवीपी ने पांच कॉलेजों में जीत दर्ज की, जबकि एनएसयूआई ने दो कॉलेजों में सभी पदों पर कब्जा कर लिया.
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DUSU Election Results: दिल्ली यूनिवर्सिटी के 52 कॉलेजों और विभागों में हुए चुनावों के नतीजे रविवार को ऐलान कर दिए गए हैं. जिसमें कुछ कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और कुछ में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने बढ़त बरकरार रखी है. नतीजों के मुताबिक एबीवीपी ने पांच कॉलेजों में जीत दर्ज की, जबकि एनएसयूआई ने दो कॉलेजों में सभी पदों पर कब्जा कर लिया. इसके मुताबिक बाकी कॉलेज में दोनों छात्र संगठनों के उम्मीदवार अलग-अलग पदों पर जीत हासिल की है.
एबीवीपी ने हंसराज कॉलेज, श्याम लाल कॉलेज (सांध्य), विवेकानंद, अरबिंदो और दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में जीत दर्ज की. इसके अलावा, एबीवीपी ने श्री गुरु तेग बहादुर कॉलेज में एक, मिरांडा हाउस में दो, रामजस कॉलेज में चार, लॉ सेंटर में दो, कैंपस लॉ सेंटर में एक, सत्यवती कॉलेज (सुबह की पाली) में दो, सत्यवती कॉलेज (सांध्य) में दो, लक्ष्मीबाई कॉलेज में एक, राजगुरु कॉलेज में आठ, अंबेडकर कॉलेज में चार, महाराजा अग्रसेन कॉलेज में चार, राजधानी कॉलेज में एक, शिवाजी कॉलेज में पांच, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज में तीन, बीसीएएस भास्कराचार्य कॉलेज में चार और भगिनी निवेदिता कॉलेज में एक सीट जीती.
दूसरी तरफ एनएसयूआई ने अरबिंदो कॉलेज (सांध्य) और श्याम लाल कॉलेज में सभी पदों पर जीत दर्ज की. एनएसयूआई ने भगिनी निवेदिता कॉलेज में पांच, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज में तीन, मिरांडा हाउस में एक, जाकिर हुसैन कॉलेज (सुबह की पाली) में दो, पीजीडीएवी कॉलेज (सुबह की पाली) में एक, पीजीडीएवी कॉलेज (सांध्य) में दो, भास्कराचार्य कॉलेज में दो, मोतीलाल नेहरू कॉलेज में एक और कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में एक सीट जीती.
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के केंद्रीय पैनल के नतीजे सोमवार को घोषित किए जाएंगे. वोटों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू होगी.
बता दें कि दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव 27 सितंबर को हुए थए. शेड्यूल के मुताबिक 28 सितंबर को नतीजे आ जाने चाहिए थे लेकिन इसमें दो महीने की देरी हो गई. पहले वोटों की गिनती के लिए 21 नवंबर का दिन चुना गया था. बताया जा रहा है कि लेकिन कॉलेजों में फैली गंदगी, चुनावी खर्च को लेकर शिकायतों, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के चलते चुनाव के नतीजों में देरी हुई है.