Om Birla: बिरला ने कहा, 'सदस्य संसद के नियम प्रक्रियाओं का पालन करें. आप वरिष्ठ सदस्य हैं. हम नियमों का पालन नहीं करेंगे तो सदन की गरिमा गिरेगी. ऐसा होगा तो हर कोई अलग-अलग तरह के बिल्ले लगाकर आएगा.'
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Lok Sabha Proceedings: बिल्ले लगाकर संसद में आने वाले सांसदों को स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को नसीहत दी है. उन्होंने सदस्यों से नियम और प्रक्रियाओं का पालन करने और सदन में बिल्ले आदि लगाकर नहीं आने को कहा. उनकी यह अपील कांग्रेस के कुछ सदस्यों के काले रंग की जैकेट पहनकर सदन में आने के बाद आई है, जिसके पीछे 'मोदी अडानी एक हैं, अदाणी सेफ हैं' लिखा हुआ था.
इंडिया गुट ने किया प्रदर्शन
इससे पहले कांग्रेस समेत 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (I.N.D.I.A) के घटक दलों के सदस्यों ने संसद के ‘मकर द्वार’ के पास इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया. अध्यक्ष बिरला ने कहा, 'मैं आप सभी से संसद की मर्यादा, गरिमा और प्रक्रियाओं का पालन करने का अनुरोध करता हूं.' उन्होंने कहा कि लोकसभा की प्रक्रिया और कार्य-संचालन नियमावली के नियम-349 के तहत कोई भी सदस्य सभा में लैपल पिन या बिल्ला (राष्ट्रीय ध्वज के सिवाय) लगाकर नहीं आएंगे और प्रदर्शित नहीं करेंगे. बिरला ने कहा, 'सदस्य संसद के नियम प्रक्रियाओं का पालन करें. आप वरिष्ठ सदस्य हैं. हम नियमों का पालन नहीं करेंगे तो सदन की गरिमा गिरेगी. ऐसा होगा तो हर कोई अलग-अलग तरह के बिल्ले लगाकर आएगा.'
सुनवाई करनी पड़ी थी स्थगित
दूसरी ओर, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने गुरुवार को लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर विदेशी संगठनों और लोगों के जरिए देश की संसद, सरकार और अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया, जिस पर भारी हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब तीन बजकर पांच मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी.
दुबे ने लोकसभा में शून्यकाल में कांग्रेस को घेरने की कोशिश करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से पूछने के लिए कुछ सवाल उठाए जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और दोनों पक्षों की नोकझोंक के बीच सदन की बैठक दोपहर करीब 12 बजकर 10 मिनट पर दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई.
आसन के करीब जाकर किया प्रदर्शन
सदन की कार्यवाही दो बजे फिर से आरंभ होने पर कांग्रेस और उसके कुछ सहयोगी दलों के सदस्यों ने हंगामा जारी रखा. विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए. उनकी मांग थी कि लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई को बोलने का मौका दिया जाए. पीठासीन सभापति जगदम्बिका पाल ने कहा कि रेल संशोधन विधेयक, 2024 पर चर्चा हो चुकी है और विभाग के मंत्री अश्विनी वैष्णव को जवाब देना है, ऐसे में विपक्षी सदस्य सदन चलने दें। पाल ने कहा, 'कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में तय किया गया था कि चर्चा के लिए रेल विधेयक लेंगे। इस पर हुई चर्चा में सदस्यों ने भागीदारी की. अब माननीय मंत्री का जवाब सुनना है.'