Weather : दुनिया की सबसे ज्यादा प्रदूषित राजधानी शहर की लिस्ट में देश की कैपिटल सिटी दिल्ली ने एक बार फिर टॉप किया है. यह लगातार चौथी बार है जब प्रदूषण का ताज फिर से दिल्ली के सर पर सजा है. हालांकि, बिहार भी बहुत पीछे नहीं है और राज्य का बेगूसराय दुनिया का सबसे प्रदूषित महानगर क्षेत्र बन गया है.
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Weather Update : प्रदूषण पर बात हो और दिल्ली का नाम न आए... ऐसा फिलहाल तो मुमकिन होता नजर नहीं आ रहा है. दुनियाभर के प्रदूषण पर ताजा रिपोर्ट आई है, जिसमें दिल्ली सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाली राजधानी के रूप में पहचान बनाए हुए है. यह लगातार चौथी बार है, जब प्रदूषण का ताज फिर से दिल्ली के सर पर सजा है. हालांकि, बिहार भी बहुत पीछे नहीं है. दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर में बिहार का बेगुसराय सामने आया है.
स्विट्जरलैंड के संगठन ‘IQAir’ की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2023 के अनुसार, एवरेज सालाना 54.4 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की पीएम 2.5 सांद्रता के साथ भारत 2023 में 134 देशों में से तीसरा सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला देश रहा. उससे पहले बांग्लादेश (79.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और पाकिस्तान (73.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) रहे.
भारत 2022 में औसतन 53.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम2.5 सांद्रता के साथ आठवां सबसे प्रदूषित देश रहा था. पीएम2.5 को ‘फाइन पार्टिकुलेट मैटर’ कहा जाता है. ये कण 2.5 माइक्रोन या छोटे आकार के होते हैं और ये सांस लेने के दौरान निचले रेस्पिरेटरी सिस्टम तक पहुंच जाते हैं.
बेगूसराय वैश्विक स्तर पर सबसे प्रदूषित महानगर
बेगूसराय औसतन 118.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम2.5 सांद्रता के साथ वैश्विक स्तर पर सबसे प्रदूषित महानगर दर्ज किया गया है, जबकि 2022 की रैंकिंग में इस शहर का नाम भी नहीं था.
दिल्ली 2018 के बाद से चौथी बार दुनिया में सबसे प्रदूषित राजधानी शहर चिह्नित किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है, कि ऐसा अनुमान है कि भारत में 1.36 अरब लोगों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अनुशंसित पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक की पीएम2.5 सांद्रता का सामना करना पड़ा.
WHO के अनुसार, दुनियाभर में हर साल तकरीबन 70 लाख लोगों की वायु प्रदूषण के कारण समय पूर्व मौत हो जाती है. पीएम2.5 वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा, कैंसर, आघात और फेफड़ों की बीमारी समेत अनेक बीमारियां हो सकती हैं.
किस देश में कितना PM2.5
बताया जा रहा है, कि भारत में 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है, पाकिस्तान में 73.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और बांग्लादेश में 79.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है.
PM 2.5 क्या होता है ?
PM यानी पार्टिकुलेट मेटर जो वायु में मौजूद छोटे कण होते हैं, जो कि वातावरण में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण है. हवा में मौजूद कण इतने छोटे होते हैं कि आप नग्न आंखों से भी नहीं देख सकते हैं. कुछ कण इतने छोटे होते हैं कि इन्हें केवल इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप का उपयोग करके पता लगाया जा सकता है. PM 2.5 वायुमंडलीय कण पदार्थ को कहते हैं, जिसमें 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास होता है, जो मानव बाल के व्यास के लगभग 3% है.
IQAir ने कहा कि इस रिपोर्ट को बनाने के लिए उपयोग किया गया डेटा 30,000 से अधिक नियामक वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों और अनुसंधान संस्थानों, सरकारी निकायों, विश्वविद्यालयों और शैक्षिक सुविधाओं, गैर-लाभकारी गैर-सरकारी द्वारा संचालित कम लागत वाले वायु गुणवत्ता सेंसर के वैश्विक वितरण, संगठन, निजी कंपनियाँ और नागरिक वैज्ञानिक से एकत्र किया गया था.
इन बीमारियों का खतरा बढ़ा रहा
PM2.5 वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से कई स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियां पैदा होती हैं और बिगड़ जाती हैं, जिनमें अस्थमा, कैंसर, स्ट्रोक और फेफड़ों की बीमारी शामिल है, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है. सूक्ष्म कणों के ऊंचे स्तर के संपर्क में आने से बच्चों में संज्ञानात्मक विकास ख़राब हो सकता है, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और मधुमेह सहित मौजूदा बीमारियाँ जटिल हो सकती हैं.