'जेल से छूटे तो कर सकते हैं सबूतों से छेड़छाड़', ये कहकर कोर्ट ने खारिज कर दी सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका
Advertisement
trendingNow11641387

'जेल से छूटे तो कर सकते हैं सबूतों से छेड़छाड़', ये कहकर कोर्ट ने खारिज कर दी सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका

Delhi HC dismisses Satyendar Jain bail plea: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

'जेल से छूटे तो कर सकते हैं सबूतों से छेड़छाड़', ये कहकर कोर्ट ने खारिज कर दी सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका

दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन को बड़ा झटका देते हुए उनकी जमानत याचिका (Satyendar Jain bail plea) को गुरुवार को खारिज कर दिया. आम आदमी पार्टी (AAP) नेता सत्येंद्र जैन के मामले में गुरुवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान हाई कोर्ट ने उनकी जमनात के लिए दाखिल की गई याचिका को ये कहकर खारिज कर दिया कि वो एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और जेल से बाहर जाने के बाद केस से जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था. उसी समय से वो तिहाड़ जेल में बंद हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन पर 4 कंपनियों के माध्यम से धन शोधन करने का आरोप है.

दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने मामले की सुनवाई के दौरान केस के सह-आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है. हालांकि, इस मामले में कोर्ट के डिटेल आदेश का इंतजार है.

जानकारी के मुताबिक सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि लोअर कोर्ट द्वारा सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को खारिज किए जाने के फैसले में किसी प्रकार की कोई अवैधता या कोई खामी नजर नहीं आती है. गौरतलब है कि लोअर कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को साल 2022 में खारिज कर दिया था. 

इसके बाद लोअर कोर्ट के फैसले के खिलाफ जैन के वकील की तरफ से 17 नवंबर को दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी और इस याचिका में तीनों आरोपियों ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी. इस मामले में सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जांच एजेंसी ईडी और आम आदमी पार्टी के नेताओं के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद 21 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

Trending news