Dussehra At Sukna Military Station, West Bengal: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल के सुकना सैन्य स्टेशन पर दशहरा के अवसर पर शस्त्र पूजा (हथियारों की पूजा) की. इस अवसर पर उन्होंने कहा, 'शस्त्र पूजा एक साफ संकेत है कि अगर जरूरत पड़ी तो हथियारों का पूरी ताकत से इस्तेमाल किया जाएगा.'
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Defence Minister Rajnath Singh Warning: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा 2,236 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 75 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए कहा कि अगर भारत को किसी दुश्मन से खतरा हुआ तो हम ‘बड़ा कदम’ उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे. इससे पहले, राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल के सुकना सैन्य स्टेशन पर दशहरा के अवसर पर शस्त्र पूजा (हथियारों की पूजा) की.
धर्म, सत्य और मानवीय मूल्यों के खिलाफ युद्ध छेड़ने वालों से सीधा संघर्ष
शस्त्र पूजा करने के बाद रक्षा मंत्री ने देश के दुश्मनों को सीधी चेतावनी दी. उन्होंने कहा, “भारत ने कभी भी किसी देश पर नफरत या अवमानना के कारण हमला नहीं किया है. हम तभी लड़ते हैं जब कोई हमारी अखंडता और संप्रभुता का अपमान करता है, उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है या जब कोई धर्म, सत्य और मानवीय मूल्यों के खिलाफ युद्ध छेड़ा जाता है.” उन्होंने कहा कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और सैनिकों में मानवीय मूल्यों के प्रति समान सम्मान है.
हम शस्त्र पूजा की विरासत को संरक्षित करना जारी रखेंगे: राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने आगे साफ कहा, “यह हमें विरासत में मिला है. हम इस विरासत को संरक्षित करना जारी रखेंगे. हालांकि, अगर हमारे हितों को खतरा हुआ तो हम बड़ा कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे. शस्त्र पूजा एक स्पष्ट संकेत है कि अगर जरूरत पड़ी तो हथियारों और उपकरणों का पूरी ताकत से इस्तेमाल किया जाएगा.” रक्षा मंत्री ने कलश पूजा के बाद शस्त्र और सैन्य वाहनों की पूजा की. उन्होंने अत्याधुनिक पैदल सेना, तोपखाने और संचार प्रणालियों, गतिशीलता प्लेटफार्मों और ड्रोन प्रणालियों सहित कई आधुनिक सैन्य उपकरणों की भी पूजा की.
भारत में विजयादशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन की बड़ी पुरानी परंपरा रही है। आज सुकना, दार्जिलिंग में 33 कोर हेडक्वार्टरस में की शस्त्र पूजा। pic.twitter.com/f67IJFyjPz
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 12, 2024
बीआरओ की 22 सड़कें, 51 पुल और दो अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन
उद्घाटन की गई बीआरओ परियोजनाओं में 22 सड़कें, 51 पुल और दो अन्य शामिल हैं, जिनमें से 19 जम्मू-कश्मीर में, 18 अरुणाचल प्रदेश में, 11 लद्दाख में, नौ उत्तराखंड में, छह सिक्किम में, पांच हिमाचल में, दो-दो बंगाल और राजस्थान में और एक-एक नागालैंड, मिजोरम और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हैं. इन 75 परियोजनाओं के साथ, बीआरओ ने इस वर्ष 3,751 करोड़ रुपये की कुल लागत से कुल 111 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं पूरी की हैं.
सिक्किम में बनी कुपुप-शेरथांग सड़क रणनीतिक तौर पर क्यों बेहद अहम?
रक्षा मंत्री के हाथों शनिवार को उद्घाटन की गई बीआरओ की प्रमुख परियोजनाओं में से एक सिक्किम में रणनीतिक कुपुप-शेरथांग सड़क है, जो जवाहर लाल नेहरू मार्ग और जुलुक अक्ष के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क के रूप में कार्य करती है. यह सेना के जवानों और उपकरणों को आगे के क्षेत्रों में ले जाने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है. सिंह ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने में सशस्त्र बलों की सतर्कता और अहम भूमिका की सराहना की.
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'दुनिया के सबसे सुरक्षित और मजबूत देशों में से एक होगा भारत'
राजनाथ सिंह ने कहा कि ये परियोजनाएं रणनीतिक कारणों से सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ इन क्षेत्रों, विशेष रूप से पूर्वोत्तर की सामाजिक-आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने के सरकार के “अटूट संकल्प” का प्रमाण हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में सीमा पर बुनियादी ढांचे को और तेज गति से मजबूत करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. उन्होंने 2024-25 के बजट में बीआरओ के लिए 6,500 करोड़ रुपये के बढ़े हुए आवंटन का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "आने वाले समय में भारत दुनिया के सबसे सुरक्षित और मजबूत देशों में से एक होगा."
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