CGHS Scheme: सेंट्रल गर्वनमेंट हेल्थ स्कीम के तहत प्राइवेट अस्पतालों के लिए इलाज की दरें सरकार ने रिवाइज कर दी हैं. साथ ही अब सरकारी कर्मचारी को निजी अस्पताल में दिखाने के लिए सेंटर जाकर रेफर करवाना जरुरी नहीं होगा.
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CGHS Scheme: सेंट्रल गर्वनमेंट हेल्थ स्कीम के तहत प्राइवेट अस्पतालों के लिए इलाज की दरें सरकार ने रिवाइज कर दी हैं. साथ ही अब सरकारी कर्मचारी को निजी अस्पताल में दिखाने के लिए सेंटर जाकर रेफर करवाना जरुरी नहीं होगा. वीडियो कॉल के जरिए भी रेफरल लिया जा सकेगा. अगर सीजीएचएस मरीज सेंटर तक नहीं जा सकता तो वो किसी परिवार वाले को सेंटर भेजकर भी रेफर करवा सकता है.
हुए ये बड़े बदलाव
ओपीडी में इलाज के दाम 150 से बढ़कर 350 किए गए
आईपीडी यानी भर्ती मरीज के कंसल्टेशन के दाम 300 से 350 किए गए
आईसीयू में पहले 862 रुपए और रुम रेंट देना होता था. अब ये दाम 5400 रुपए कर दिए गए हैं.
कमरे का किराया
जनरल वार्ड पहले 1 हज़ार का था, अब 1500 का हो गया है. सेमी प्राइवेट 2 हज़ार से 3 हज़ार रुपए और प्राइवेट वॉर्ड 3 हज़ार से बढ़ाकर 4500 कर दिया गया है.
अस्पतालों की थी ये शिकायत
सरकारी कर्मचारी सीजीएचएस यानी सेंट्रल गवर्मेंट हेल्थ स्कीम के तहत इलाज करवाते हैं जिसमें ऐसे प्राइवेट अस्पतालों से मुफ्त इलाज करवाया जा सकता है जो सीजीएचएस पैनल से जुड़े हैं. इलाज के खर्च को सरकार वहन करती है और प्राइवेट अस्पतालों को निश्चित रेट्स के तहत भुगतान करती है. हालांकि पिछले कुछ समय से अस्पताल शिकायत कर रहे थे कि रेट्स बढ़ाए जाएं और समय पर भुगतान भी किया जाए.
सरकार को उठाना पड़ेगा ज्यादा भार
ऩए रेट्स के बाद सरकार को सालाना 240 से 300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा.
सीजीएचएस सुविधा के तहत 42 लाख लोग फायदा उठाते हैं. इस स्कीम के तहत 338 एलोपेथी और 103 आयुष सेंटर आते हैं.
79 शहरों में 1670 अस्पताल सीजीएचएस पैनल से जुड़े हैं. 213 डायग्नोस्टिक लैब इस सुविधा से जुड़ी हैं.
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