Assam Muslim Leader: इस मुस्लिम नेता ने अपने बयान से फिर किया हैरान, पूर्वजों को बताया हिंदू
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Assam Muslim Leader: इस मुस्लिम नेता ने अपने बयान से फिर किया हैरान, पूर्वजों को बताया हिंदू

Assam के इस नेता ने कहा कि मेरे पूर्वज हिंदू थे. हिंदुओं के एक छोटे समूह के अत्याचारों के कारण, मेरे पूर्वजों को खुद को इस्लाम में परिवर्तित करना पड़ा. 

 

Assam Muslim Leader: इस मुस्लिम नेता ने अपने बयान से फिर किया हैरान, पूर्वजों को बताया हिंदू

AIUDF Chief Badruddin Ajmal: ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख और असम के धुबरी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने दावा किया कि उनके पूर्वज हिंदू थे. उन्होंने कहा, "मेरे पूर्वज हिंदू थे. हिंदुओं के एक छोटे समूह के अत्याचारों के कारण, मेरे पूर्वजों को खुद को इस्लाम में परिवर्तित करना पड़ा." उन्होंने कहा, हालांकि, उन्हें धर्मांतरण के लिए मजबूर नहीं किया गया था.

RSS और बीजेपी पर साधा निशाना

संघ और पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए अजमल ने कहा कि हिंदू राष्ट्र का एजेंडा एक राजनीतिक नौटंकी है जिसे ये 5 प्रतिशत हिंदू वोट हासिल करने के लिए एक राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करते हैं. यह हमेशा के लिए एक सपना रहेगा.

कुछ दिनों पहले, अजमल ने असम में मुसलमानों से आगामी ईद समारोह के दौरान गायों की बलि नहीं देने की अपील की और उनसे धार्मिक दायित्व को पूरा करने के लिए अन्य जानवरों का उपयोग करके 'कुबार्नी' (बलिदान) देने का अनुरोध किया.

हालांकि, इस अपील ने असम में हंगामा खड़ा कर दिया, जिसने राज्य के कई मुस्लिम नेताओं को भी परेशान कर दिया जिन्होंने उनका विरोध किया. इस पर अजमल ने कहा कि मैंने अपने हिंदू भाइयों की भावनाओं का सम्मान करने की अपील की है. यहां तक कि कई मुस्लिम धार्मिक संस्थान भी गाय की बलि का समर्थन नहीं करते हैं. उनके मुताबिक, देश के सबसे बड़े इस्लामिक शैक्षणिक संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने भी कुछ साल पहले इसी तरह की अपील जारी की थी.

राष्ट्रपति चुनाव में किसका समर्थन करेंगे अजमल?

बदरुद्दीन अजमल भले ही बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं कि लेकिन राष्ट्रपति के लिए होने वाले चुनाव में वह उसका साथ दे सकते हैं. उन्होंने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का संकेत दिया है. 

असम में, बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाला ऑल इंडियन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट दूसरा प्रमुख विपक्षी दल है जिसके पास 15 विधायक और एक लोकसभा सांसद है.  कांग्रेस ने पिछले साल का विधानसभा चुनाव एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करके लड़ा था, लेकिन चुनावी हार के तुरंत बाद कांग्रेस ने एआईयूडीएफ से नाता तोड़ लिया.

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