एमपॉक्स का इंफेक्शन कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक अकेले अफ्रीकी देश में इस साल 15 हजार से भी ज्यादा मामले सामने आए हैं जिसमें 550 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है.
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Mpox Deaths in Democratic Republic of the Congo: मंकी पॉक्स ने दुनियाभर के लोगों को डरा दिया है, यूरोप और एशिया में तो ये फैल ही रहा है, लेकिन अफ्रीका में ये खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. यही वजह है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने एमपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. अफ्रीकी महाद्वीप के देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ द कांगों (DRC) में ये बीमारी अपना विकराल रूप दिखा रही है
कांगों में इस साल 548 लोगों की मौत
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ द कांगों (Democratic Republic of the Congo) के मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ के इपेडेमिलॉजिकल रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए स्वास्थ्य मंत्री रोजर कांबा (Roger Kamba) ने बताया कि साल 2024 की शुरुआत से लेकर अब तक इस देश में 15,664 पोटेंशियल केस रिकॉर्ड किए गए हैं, जिनमें से अब तक 548 लोगों की जान चली गई है. सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में इक्वेटर (Equateur), साउथ किवु (South Kivu), साउथ उबांगी (South Ubangi), संकुरु (Sankuru), त्सुपा (Tshuapa), मोंगाला (Mongala) और त्सोपो(Tshopo) शामिल हैं. इक्वेटर प्रांत में सबसे ज़्यादा मामले आए हैं जिनमें 321 मौतें हुई हैं.
Jeudi 15 Août 2024
Point de situation du Ministère de la Santé Publique, Hygiène et Prévoyance Sociale sur l’épidémie du MPOX RDC.#mpoxrdc pic.twitter.com/WzBEGEeYb5
— Roger Kamba (@rogerkamba) August 14, 2024
कांगों में क्यों हैं चिंताजनक हालात?
कांगो के अस्थाई कैंप में स्थित काफी चिंताजनक है. यूनाइटेड नेशन के दफ्तर के मुताबिक इन कैंपों में तकरीबन 73 लाख आंतरिक रूप से विस्थापित लोग पनाह लिए हुए हैं. चूंकि इन शिविरों में भीड़ काफी रहती है इसलिए इंफेक्शन फैलने का जोखिम भी बढ़ जाता है. बीमारी के शुरुआती लक्षणों में बुखार, पीठ दर्द, सिरदर्द, सूजन और मसल्स पेन शामिल हैं. जब बुखार उतर जाता है तब चेहरे पर चकत्ते आते हैं और फिर ये धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाते हैं. इन चकत्तों की वजह से तेज दर्द और काफी ज्यादा खुजली होती है.
(फोटो-Reuters)
भारत के करीब आया एमपॉक्स
कांगों (DRC) देश साल 2022 के आखिर से ही एमपॉक्स बीमारी से लड़ रहा है. इसके साल अफ्रीका के 12 देश में भी इसका प्रकोप देखा गया है. अफ्रीका के बाहर यूरोप के स्वीडन और एशिया के पाकिस्तान में भी एमपॉक्स के मामले दर्ज किए गए हैं. यानी ये बीमारी भारत के काफी पास आ चुकी है, इसलिए हमें भी अलर्ट रहने की जरूरत है.
भारत सरकार ने बढ़ा दी निगरानी
भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने बीते रविवार यानी 17 अगस्त को एमपॉक्स से निपटने की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इसमें तय किया गया कि बीमारी को लेकर निगरानी बढ़ाने और जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने ये भी बताया कि पीएम मोदी खुद ताजा स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. हालांकि राहत की बात ये है कि हमारे देश में एमपॉक्स का एक भी केस सामने नहीं आया है.