Who Is Sarwan Singh Pandher: सरवन सिंह पंढेर भारत के एक प्रमुख किसान नेता हैं. वह किसानों के अधिकारों और कल्याण की वकालत करने में अपनी मुखर भागीदारी के लिए जाने जाते हैं. विभिन्न किसान आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से शामिल रहने वाले पंढेर का मानना है कि आधुनिक कृषि सुधारों से किसानों की आजीविका पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
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Farmer's Protest Leader Pandher: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के तले पंजाब और हरियाणा के किसानों ने दिल्ली चलो आंदोलन को तेज कर दिया है. साल 2020 के किसान आंदोलन से अलग और फरवरी 2024 की तरह इस बार भी किसान आंदोलन की अगुवाई पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर कर रहे हैं.
सरवन सिंह पंढेर की एक आवाज पर सड़क पर उतरे हजारों किसान
राजधानी दिल्ली आने के लिए शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों को रोकने के लिए हरियाणा और दिल्ली पुलिस भी तमाम जोर लगाए हुए हैं. दिल्ली के सभी बॉर्डर सील करने के अलावा, भारी पुलिस बल भी तैनात कर दिया है. शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस में झड़प के बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर एक बार फिर से चर्चा में शामिल हो गए हैं. उनकी एक आवाज पर हजारों किसान सड़क पर उतर आए हैं. आइए, जानते हैं कि सरवन सिंह पंढेर कौन हैं?
किसानों के कर्ज, फसल की कीमतों और कृषि नीतियों पर मुखर नेता
जाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर भारत के एक प्रमुख किसान नेता हैं. वह किसानों के अधिकारों और कल्याण की वकालत करने में अपनी मजबूत भागीदारी के लिए जाने जाते हैं. विभिन्न किसान आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से शामिल रहे पंढेर कृषि सुधारों के आधुनिक तरीकों को किसानों की आजीविका पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला मानते हैं. इसके साथ ही पंढेर किसानों के कर्ज, फसल की कीमतों और कृषि को प्रभावित करने वाली सरकारी नीतियों से संबंधित मुद्दों पर मुखर रहते हैं.
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छोटी उम्र से किसानों की आवाज उठाने लगे थे 10वीं क्लास तक पढ़े पंढेर
पंजाब के अमृतसर जिले के पंढेर गांव के से ताल्लुक रखने वाले सरवन सिंह पंढेर साल 2007 से ही सतनाम सिंह पन्नू की बनाई किसान मजदूर संघर्ष कमेटी में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. पंजाब के 7 से 8 जिलों में गांव-गांव तक किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का बड़ा प्रभाव माना जाता है. इन जिलों के गांवों के किसान और मजदूर इस संगठन से जुड़े हैं. इसलिए, महज 10 वीं क्लास तक पढ़े और छोटी उम्र से किसानों की आवाज उठाने वाले पंढेर भी धीरे-धीरे किसानों के संघर्ष के बड़े चेहरा बन गए.
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2020-21 किसान आंदोलन में पंढेर पर लगा था हिंसा भड़काने का आरोप
छात्र जीवन से ही किसान आंदोलन की राजनीति में सक्रिय रहे सरवन सिंह पंधेर को अकाली दल के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया का करीबी माना जाता है. साल 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान किसान नेता सरवन सिंह पंधेर पर दिल्ली में हिंसा भड़काने का आरोप भी लगा था. हालांकि, तब उन्होंने माफी मांगते हुए खुद को वापमंथी बताए जाने पर एतराज जताया था. करीब 45 साल के सरवन सिंह पंढेर के पास सवा दो एकड़ जमीन बताई जाती है.
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