भारत ने हाल ही में ओडिशा के डॉ अब्दुल कलाम आईलैंड से प्रलय मिसाइल का टेस्ट किया था. यह शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है जो कई मायनों में रूस के इसकैंडर एम मिसाइल की तरह है. हालांकि कुछ मामलों में अलग भी है.
Trending Photos
Pralay Missile Test: कहा जाता है कि आप पड़ोसी नहीं बदल सकते. अगर आपको पड़ोसी समझदार हो, झगड़ालू ना हो, समस्या पैदा ना करने वाला हो को सोने पर सुहागा. लेकिन यदि पड़ोसी अमनचैन की जगह झगड़ा-फसाद पसंद हो तो मुश्किल हो जाती है. कुछ ऐसा ही हाल पाकिस्तान और चीन का है. पाकिस्तान की नापाक हरकत से हर कोई वाकिफ है, चीन एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश करता ही रहता है. इन सबके बीच भारत ने प्रलय मिसाइल का टेस्ट किया है. डीआरडीओ द्वारा बनाई गई प्रलय मिसाइल वैसे तो शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है. लेकिन यह कुछ मामलों में अलहदा है. इसके वार का जवाब देना चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए नामुमकिन है. प्रलय जब निशाना साधेगा तो चीन और पाकिस्तान को सोचने समझने का मौका भी नहीं मिलेगा. वैसे को प्रलय का मुकाबला करने के लिए चीन के पास डोंगफेंग मिसाइल है.लेकिन प्रलय की अचूक निशाना बनाने की खासियत उसे डोंगफेंग से ज्यादा ताकतवर बना देती है.
रूस के इसकैंडर-एम मिसाइल से समानता
सात नवंबर 2003 को ओडिशा के अब्दुल कलाम आईलैंड ने प्रलय मिसाइल का परीक्षण किया गया. इससे पहले 22 और 23 दिसंबर 2021 को फ्लाइंग टेस्ट किया गया था. इस मिसाइल को रूस के इसकैंडर एम के बराबर माना जा रहा है. इसकैंडर एम ने यूक्रेन की लड़ाई में अपनी काबिलियत को जमीन पर दिखाया है. प्रलय की रेंज 150 किमी से लेकर 500 किमी तक है. 500 किलोग्राम पेलोड के साथ यह 400 किमी तक निशाना बनाने में सक्षम है. जब पेलोड 1000 किलोग्राम होता है तो 350 किमी तक सटीक मार करती है. यही नहीं इसकैंडर की तरह यह 10 मीटर के घेरे में सटीक आक्रमण करती है. इसे आप आसान तरीके से ऐसे समझ सकते हैं, जैसे यदि जमीन पर कोई टारगेट है तो उस टारगेट के 10 मीटर घेरे में यह अचूक निशाना बनाने में सबकुछ बर्बाद कर देगी. इसकैंडर एम जहां ऑप्टिकल और रेडियो फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल करती है वहीं प्रलय में फिलहाल रेडियो फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल किया जा रहा है.
प्रलय की खासियत
यह एक शॉर्ट रेंज क्वाजी बैलिस्टिक मिसाइल है.
रेंज 150 से 500 किमी तक है.
रेडियो फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल
10 मीटर के घेरे में निशाना बनाने में सक्षम
500 किलोग्राम पेलोड के साथ 400 किमी तक निशाना
1000 किलोग्राम पेलोड के साथ 350 किमी तक निशाना
दुश्मन देश के रडार को धोखा देने में सक्षम
चीन के डोंगफेंग मिसाइल को मिलेगी चुनौती
दुश्मन को धोखा देने में सक्षम
प्रलय की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दुश्मन देश को धोखा देने में सक्षम है. जैसे यदि कोई इंटरसेप्टर मिसाइल इसे निशाना बनाना चाहे तो वो खुद धोखा खा जाएगा. दरअसल इसकी प्रकृति क्वाजी बैलिस्टिक मिसाइल जैसा है. अब इस टर्म को समझना बेहद जरूरी है. जैसे आप कोई सर्कल यानी वृत्त को लेकर उसके दो हिस्से कीजिए. ऐसा करने पर वो वृत्त अर्द्ध वृत्त में बदल जाता है. बैलिस्टिक मिसाइल अपने टारगेट को निशाना बनाने से पहले इस तरह के पथ को तय करती है. अगर बात प्रलय की करें तो यह ट्रैजेक्टरी पथ के साथ सीधी रेखा में सफर को तय करती है और उसका यह फायदा होता है कि दुश्मन देश के रडार इसे ट्रैक नहीं कर पाते हैं. रक्षा मामलों से जुड़े जानकार बताते हैं कि यह पाकिस्तान के लाहौर, कराची जैसे शहरों को बर्बाद करने में सक्षम है. इसके साथ ही चीन के उन शहरों को तबाह करने में सक्षम है जो भारत के करीब हैं. इसकी खास बात यह है कि इसे आसानी से कहीं से भी लांच किया जा सकता है.