Michelle O'Neill: बम से दहलाने वाली पार्टी की नेता बनीं उत्तरी आयरलैंड की पहली प्रधानमंत्री , जानिए कौन हैं मिशेल ओ नील
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Michelle O'Neill: बम से दहलाने वाली पार्टी की नेता बनीं उत्तरी आयरलैंड की पहली प्रधानमंत्री , जानिए कौन हैं मिशेल ओ नील

Michelle O'Neill Profile: उत्तरी आयरलैंड (Northern Ireland) में शनिवार को राष्ट्रवादी नेता मिशेल ओ’नील को प्रांतीय सरकार की पहली प्रधानमंत्री बनाया गया है.  ब्रिटेन समर्थक सबसे बड़ी पार्टी की ओर से दो साल का बायकॉट खत्म करने के बाद समझौते के बाद उत्तरी आयरलैंड में अपनी सत्ता की वापसी हुई है.

Michelle O'Neill: बम से दहलाने वाली पार्टी की नेता बनीं उत्तरी आयरलैंड की पहली प्रधानमंत्री , जानिए कौन हैं मिशेल ओ नील

Michelle O'Neill News: उत्तरी आयरलैंड में 47 साल की एक महिला नेता मिशेल ओ’नील ने नया इतिहास रच दिया है. राजनीतिक दल सिन फेन की नेता मिशेल ओ’नील उत्तरी आयरलैंड की प्रांतीय सरकार की फर्स्ट मिनिस्टर बनी हैं. उन्हें प्रोग्रेसिव आयरिश रिपब्लिकन की एक नई पीढ़ी का प्रतीक माना जाता है. मई, 2022 में चुनावों के बाद आए नतीजे में उनकी पार्टी ब्रिटिश क्षेत्र की सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. नील को युवाओं के बड़े वर्ग का समर्थन मिला था.

काफी लंबे इंतजार के बाद मिशेल ओ’नील को मिली पहली प्रधानमंत्री की भूमिका 

मिशेल ओ’नील ने पहली प्रधानमंत्री की भूमिका निभाने के लिए काफी धैर्य रखा और इंतजार किया है. एक स्पेशल मीटिंग में में उत्तरी आयरलैंड विधानसभा ने पहले हस्तांतरित शासन को फिर से शुरू करने के लिए मतदान किया. फिर आयरिश एकता समर्थक सिन फेन की राजनेता को पहले मंत्री के रूप में नामित किया गया. उत्तरी आयरलैंड सरकार में फर्स्ट मिनिस्टर अन्य देशों के प्रधानमंत्री पद के बराबर ही होता है.

आइए,  जानते हैं कि उत्तरी आयरलैंड में इतने बड़े राजनीतिक बदलाव की वजह क्या रही? इसके अलावा बम से दहलाने वाली आइरिश रिपब्लिकन आर्मी से जुड़े परिवार की महिला कैसे प्रांतीय सरकार में पहली प्रधानमंत्री बन सकीं. साथ ही इसके लिए क्या प्रकिया अपनाई गई.

नॉदर्न आयरलैंड में ऐतिहासिक और राजनीतिक बदलाव की पूरी प्रक्रिया

नॉदर्न आयरलैंड में यह ऐतिहासिक और राजनीतिक बदलाव डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (DUP) द्वारा इस सप्ताह ब्रेक्सिट के बाद व्यापार नियमों पर यूनआइटेड किंगडम सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद स्टॉर्मॉन्ट संस्थानों से अपना वॉकआउट खत्म करने के बाद सामने आया. असेंबली ने डीयूपी की एम्मा लिटिल-पेंगेली को ओ’नील का डिप्टी नियुक्त किया. इसके बाद मंत्रिमंडल में बाकी शीर्ष मंत्रियों के पद भरे गए. उत्तरी आयरलैंड में प्रथम मंत्री और उप प्रथम मंत्री पद बराबर माने जाते हैं. अब नील के सामने सबसे बड़ी मौजूदा चिंता बजट संकट और चरमराती सार्वजनिक सेवाओं से निपटना है. 

आयरलैंड में पॉवर ट्रांसफर के दौरान क्यों हुआ गुड फ्राइडे समझौते का जिक्र

आयरलैंड में पॉवर ट्रांसफर के पूरे मामले में 1998 के गुड फ्राइडे समझौते का जिक्र किया गया. इसे बेलफास्ट समझौते के रूप में भी जाना जाता है. इस समझौते ने उत्तरी आयरलैंड में ब्रिटिश शासन पर तीन दशकों की सांप्रदायिक हिंसा को समाप्त कर दिया. इस समझौते के बाद नए राजनीतिक युग में लोगों से पहला राष्ट्रवादी मंत्री बनाने का वादा किया गया था. इस वादे के चलते ही मिशेल ओ नील ने साल 2022 में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि दी और किंग चार्ल्स III के ताजपोशी में भाग लिया था.

इसके तहत उत्तरी आयरलैंड के दो मुख्य समुदायों में सत्ता साझा करने को लेकर सहमति बनी थी. यूनाइटेड किगडम (UK) में रहना पसंद करने वाले लोगों को ‘ब्रिटिश संघवादी’ और आयरलैंड के साथ रहने के इच्छुक को ‘आयरिश राष्ट्रवादी’ कहा जाता था. अब इन दोनों गुटों में बनी सहमति से मिशेल ओ’नील आयरलैंड सरकार में प्रधानमंत्री बनी है. 

1960 के दशक में सांप्रदायिक संघर्ष, आयरिश रिपब्लिकन आर्मी में थे पिता और चचेरा भाई

उत्तरी आयरलैंड की फर्स्ट मिनिस्टर मिशेल ओ'नील नील का जन्म 10 जनवरी 1977 को आयरिश रिपब्लिक के दक्षिण में काउंटी कॉर्क में हुआ था. वह आयरलैंड में 1960 के दशक में शुरू हुए सांप्रदायिक संघर्ष के काले दिनों के बारे में जानती हैं. उनके पिता को आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (IRA) का सदस्य होने के कारण जेल भेज दिया गया था. वहीं, उनके एक चचेरे भाई को ब्रिटेन की विशिष्ट विशेष वायु सेवा (SAS) रेजिमेंट के सौनिकों ने मार डाला था. सिन फेन इसी आयरिश रिपब्लिकन आर्मी की पॉलिटिकल विंग के रूप में सामने आई थी.

आयरलैंड की आजादी के लिए बनी आयरिश रिपब्लिकन आर्मी क्या थी, कैसे लड़ी भीषण जंग

आयरी गणतांत्रिक सेना या आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (Irish Republican Army (IRA) आयरलैंड की आजादी के लिए बने क्रांतिकारी सैनिकों का संगठन था. आयरलैंड को ब्रिटिश शासन से पूरी तरह आजाद कराने के लिए बना यह संगठन दरअसल 'आयरिश रिपब्लिकन ब्रदरहुड' नामक संगठन से निकला था. इस पितृ संगठन की स्थापना 25 नवम्बर 1913 में की गई थी. 6 दिसम्बर 1921 में जब एंग्लो-आयरिश संधि हुई और युद्धविराम लागू हुआ तो, इसमें विभाजन हो गया था.

साल 1919 से जुलाई 1921 तक आईआरए ने आयरलैंड में ब्रिटिश सेना के खिलाफ छापामार युद्ध किया. इस जंग का सबसे भीषण दौर नवंबर 1920 से जुलाई 1921 तक था. इस दौरान आयरिश रिपब्लिकन आर्मी ने पूरे राज्य और ब्रिटिश सेना को बमों से हिला दिया था.

आजादी के 103 साल बाद आयरलैंड को मिला अपना पहला प्रधानमंत्री, पुरुष प्रधान युग का भी अंत

आयरलैंड गणराज्य की स्वतंत्रता के बाद साल 1921 में उत्तरी आयरलैंड को यूके के एक संघ में स्थापित किया गया था. इस दौरान दोनों संघों में शासन को लेकर समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत एक पक्ष दूसरे की सहमति के बिना शासन नहीं कर सकता था. आखिरकार आजादी के 103 सालों के बाद देश का अपना पहला प्रधानमंत्री मिला है. मिशेल ओ नील का पहला राष्ट्रवादी मंत्री बनना आयरलैंड में जारी पुरुष प्रधान युग का अंत भी बताया जा रहा है.  उत्तरी आयरलैंड में वामपंथी उदारवाद की राजनीति और 2008 में वित्तीय मंदी के बाद से नौकरियों के संकट और घरों की कमी के कारण  लोग काफी नाराज थे.

मेरे माता-पिता और दादा-दादी की पीढ़ी के लिए सपने से भी परे है ये दिन- मिशेल ओ नील

एकजुट आयरलैंड के रिपब्लिकन ड्रीम को साकार करने पर फोकस करने के बजाय नील की पार्टी सिन फेन ने बढ़ती महंगाई से निपटने और ब्रेक्सिट के झटके के बाद स्थिरता को प्रोत्साहित करने के लिए असेंबली इलेक्शन की नीतियों पर जोर दिया था. प्रधानमंत्री चुने जाने की पुष्टि होने के तुरंत बाद मिशेल ओ नील ने अपनी नियुक्ति को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने उत्तरी आयरिश सांसदों से कहा कि ऐसा भी दिन आएगा, यह मेरे माता-पिता और दादा-दादी की पीढ़ी के लिए सपने से भी परे है.

मिशेल ओ’नील ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, ‘यह ऐतिहासिक दिन है. सभी का प्रथम मंत्री होने के नाते मैं सभी के लिए सकारात्मक परिवर्तन लाने और सम्मान, सहयोग और समानता की भावना से अपने समाज को आगे बढ़ाने के लिए दूसरों के साथ मिलकर काम करने का वादा करती हूं.’

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