Movie Review: Cuttputlli लड़कियों के सीरियल किलर पर ये बैक टू बैक तीसरी मूवी, अगर दो देखी हैं तो अक्षय को लग सकता है झटका
Advertisement
trendingNow11331634

Movie Review: Cuttputlli लड़कियों के सीरियल किलर पर ये बैक टू बैक तीसरी मूवी, अगर दो देखी हैं तो अक्षय को लग सकता है झटका

Cuttputlli Movie Review: ओटीटी के उन दर्शकों के लिए ये मूवी अच्छी टाइम पास हो सकती है, जो क्राइम, थिलर, सस्पेंस या अक्षय के दीवाने हैं, बशर्ते उन्होंने ‘फॉरंसिक’ और ‘हिट: द फर्स्ट केस’ ना देखी हों.

 

Movie Review: Cuttputlli लड़कियों के सीरियल किलर पर ये बैक टू बैक तीसरी मूवी, अगर दो देखी हैं तो अक्षय को लग सकता है झटका

Akshay Kumar Rakul Preet Singh Cuttputli Review: यूं मूवी देखकर साफ लगता है कि मूवी एक तमिल फिल्म का रीमेक थी, सो सब कुछ पहले से तैयार होगा और अक्षय ने बमुश्किल 20 दिन में ये शूट कर दी होगी. ओटीटी के उन दर्शकों के लिए ये मूवी अच्छी टाइम पास हो सकती है, जो क्राइम, थिलर, सस्पेंस या अक्षय के दीवाने हैं, बशर्ते उन्होंने इसी थीम पर बनी और हालिया रिलीज इन दो मूवीज में से कोई ना देखी हो- विक्रांत मैसी, राधिका आप्टे और प्राची देसाई की ‘फॉरंसिक’ और दूसरी राजकुमार राव और सान्या मल्होत्रा की ‘हिट: द फर्स्ट केस’.

फॉरेंसिंक से मिलती जुलती है कठपुतली

इनमें से फॉरेंसिंक तो बिलकुल ही अक्षय कुमार की मूवी कठपुतली से मिलती जुलती है. हालांकि फॉरेंसिक के बारे में दावा किया गया था कि इसी नाम से 2020 में मलयालम में बनी मूवी का रीमेक है और कठपुतली को 2018 की तमिल मूवी ‘रत्सासन’ का रीमेक बताया गया था. ये बिलकुल मुमकिन है कि रत्सासन से पहले मलयालम में फॉरेंसिक बनी हो, फिर हिंदी में फॉरेंसिक और फिर अब हिंदी में कठपुतली और अक्षय को शायद ये बाद में पता चला हो, तभी चुपचाप बिना ज्यादा प्रमोशन के ये मूवी ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी हॉट स्टार पर रिलीज कर दी गई.

हिमाचल के कसौली की कहानी

कहानी है हिमाचल के कसौली की, जहां एक के बाद एक किशोर लड़कियों के कत्ल होने लगते हैं. कातिल लड़कियों को मारने से पहले उनका चेहरा बदसूरत बना देता है, साथ में निशानी के तौर पर एक ऐसी गुड़िया का सर छोड़ देता है, जिसके चेहरे पर घाव बने होते हैं. ऐसे में सीरियल किलर्स पर कहानी लिखकर मूवी बनाने के लिए दर दर भटकने के बाद अर्जुन सेठी ( अक्षय कुमार) पिता की मौत के बाद उनकी जगह पुलिस फोर्स में भर्ती होकर दरोगा बन जाता है. पहली तैनाती भी अपने जीजा (चंद्रचूड़ सिंह) के थाने में ही मिलती है. 

सीरियल किलर का शिकार 

थाने की अंदरूनी राजनीति का सामना करते करते वो सीरियल किलिंग के इस केस को सुलझाने में जुट जाता है और इसी कोशिश में उसकी भांजी भी सीरियल किलर का शिकार हो जाती है. ऐसे में डायरेक्टर लगातार कुछ पात्रों के सहारे दर्शकों को भटकाने की कोशिश जारी रखता है और आखिरकार वो इस सीरियल किलर को पकड़कर केस सुलझा देता है.

इसलिए फिकी लगती है फिल्म

यूं तो सीरियल किलर पर बनी फिल्में आती ही रहती हैं, लेकिन इस मूवी का दुर्भाग्य ये है कि अच्छी बनी होने के बावजूद, अच्छे पंचिंग डायलॉग्स होने के बावजूद, मूवी भी कसी हुई होने के बावजूद अगर आपने विक्रांत मैसी की ‘फॉरेंसिक’ देखी है तो आपको एकदम वही लगेगी. उसमें भी सीरियल किलर लडकी बनकर रहता था, स्कूली लड़कियों को ही शिकार बनाता था, बच्चों को भी हिप्टोटाइज करता था और उसकी भी किशोर लड़कियों से नफरत की वजह कुछ कुछ ऐसी ही थी. हालांकि ‘कठपुतली’ में ‘पा’ मूवी के प्रोजेरिया को फिर से लाया गया है.

फिल्म के डायलॉग

फिर भी जब आप इन्वेस्टीगेटिव मूवी बना रहे हैं, तो उसमें ऐसी कमियां नहीं छोड़नी चाहिए, जिससे लोग आसानी से सवाल उठा सकें. इस मूवी में वो सवाल उठते हैं, चंद्रचूड़ का ये डायलॉग कि इस फोटो की 50 कॉपियां निकाल लो, आस पास के थानों में भेजनी हैं, आजकल कौन कॉपियां निकालकर भेजता है, मेल या ह्वाट्स एप से कॉपी एक सेकंड में पहुंच जाती है. अगर एक ही शॉप से ऑनलाइन गुड़ियां मंगवाई जा रही थीं, तो उससे आसानी से पता चल सकता था कि अगला शिकार कौन है, जिसने ऑर्डर दिया है. हर स्कूल उस मैजीशियन का शो अपने यहां करवा रहा था, लेकिन किसी के पास उसका फोन नंबर या एड्रेस नहीं था, ये कैसे मुमकिन था, फिर बुलाते कैसे थे?  पुलिस ने पूरी मूवी में एक सीसीटीवी कैमरे का फुटेज चैक नहीं किया और ना ही उंगलियों के निशान नहीं लिए. तो फिर ये कैसी इन्वेस्टीगेशन थी, जो डायरेक्टर अपने मनमुताबिक कर रहा था. हालांकि फॉरेंसिक में स्कूलों के सीसीटीवी चैक किए गए थे.

इसी तरह राजकुमार राव की ‘हिट द फर्स्ट केस’ भी इसी तरह की मूवी थी, उसमें भी लड़कियों की हत्या होने लगती है. उसमें थोड़ा समलैंगिकता को जरुर जोड़ दिया गया था. लेकिन तीनों ही बेहतरीन एक्टर्स को इन फिल्मों से जोड़ा गया था. सो अक्षय कुमार ने कूलनेस के साथ हमेशा की तरह अपना बेहतरीन दिया है, रकुल प्रीत रोमांटिक लीड में दर्शकों की पसंद बनती जा रही हैं, चंद्रचूड़ वापसी के बाद उतने अच्छे रोल नहीं पा रहे, लेकिन जो भी मिल रहा है, मन से कर रहे हैं. सरगुन मेहता का रोल जरुर बेहतर था, जो उन्होंने ढंग से निभाया भी. हालांकि विलेन्स के रोल में जोशुआ और सुजीत शंकर अच्छा असर छोड़ते लगे हैं. मूवी में कई जगह डायलॉग्स बेहतरीन हैं- पुलिस से पहले तो आजकल पिज्जा पहुंच जाता है आदि.

कुल मिलाकर अगर आपने ‘फॉरेंसिक’ नहीं देखी है, और अक्षय को सीरियस देखना पसंद करते हैं, तो घर में बैठकर अच्छा टाइम पास करने वाली मूवी है. बैठे तो शायद अंत तक देखे बिना उठेंगे नहीं. लेकिन इस तरह की मूवीज पसंद नहीं या फॉरेंसिक पहले भी देख चुके हैं तो आपको मजा नहीं आएगा. 

डायरेक्टर: रंजीत एम तिवारी

स्टार कास्ट: अक्षय कुमार, चंद्रचूड़ सिंह, रकुल प्रीत सिंह, हृषिता भट्ट, सुजीत शंकर, सरगुन मेहता, गुरप्रीत घुग्घी और जोशुआ लेक्लेयर

कहां देख सकते हैं: डिज्नी हॉट स्टार पर

रिव्यू रेटिंग: 3

Trending news