Tiku Weds Sheru Film Review: आप एंटरटेनमेंट के लिए सिनेमा देखते हैं, तो टीकू वेड्स शेरू निराश करेगी. अगर इंटलेक्चुल कंटेंट ढूंढते हैं तब भी यह आपके काम नहीं आने वाली. नवाज के फैन बनकर देखेंगे, तो उन्हें कुछ नया करते नहीं पाएंगे. नई एक्ट्रेस अवनीत कौर के सामने नवाज की बढ़ी उम्र हर फ्रेम में दिखती है...
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Tiku Weds Sheru Movie Review: बरसों पहले अगर इरफान (Irrfan) और कंगना रनौत (Kangna Ranaut) को लेकर प्लान हुई फिल्म ‘डिवाइन लवर्स’ (Devine Lovers) नहीं बन सकी, तो उसमें ऊपर वाले का मैसेज छुपा था. प्रोड्यूसर बनने की जिद ठानी हुईं कंगना रनौत वह मैसेज नहीं पढ़ पाईं. सालों पुरानी ‘डिवाइन लवर्स’ की कहानी पर ‘टीकू वेड्स शेरू’ (Tiku Weds Sheru) बहुत खराब फिल्म के रूप में बनी है. कंगना यह भी नहीं समझ पाईं कि निर्देशक साई कबीर (Sai Kabir) की फिल्म रिवॉल्वर रानी (Film Revolver Rani) में दम नहीं था और टीकू वेड्स शेरू में भी उनकी प्रतिष्ठा नहीं बचा सकी. कंगना का कहानियों का चुनाव अगर ऐसा ही है, तो देखना रोचक होगा कि वह कितना आगे जा पाएंगी. वह कह चुकी हैं कि मैं पैसे कमाने के लिए प्रोड्यूसर नहीं बनी हूं.
अंकलजी-बेटाजी
टीकू वेड्स शेरू इसके नाम की तरह लोकल भी नहीं है. उससे भी कमतर है. संकरी गलियों में लगने वाली छोटी गुमटियों जैसा प्रोडक्ट. न कहानी में दम, न स्क्रिप्ट में. किरदार बचकाने और संगीत से सुर गायब. नवाजुद्दीन सिद्दिकी और अनवीत कौर की जोड़ी पहले ही सीन से ‘अंकलजी-बेटाजी’ जितनी बेमेल है. हैरत होती कि नवाज जैसा सीनियर एक्टर यह काम कर सकता है! नवाज का ओवरकॉन्फिडेंस इस फिल्म में दिखता है. उन्हें अपने अंदर झांक कर देखने का समय आ गया है. पर्दे पर युवा लड़कियों को ‘किस’ (Kiss) करने का मोह छोड़कर, उन्हें कुछ अच्छी किताबें (Books) पढ़नी चाहिए. ताकि कहानियों की समझ जरा दुरुस्त हो. एक्टिंग में वह इधर हर फिल्म में एक-से दिख रहे हैं और यह उनके पेशेवर करियर के लिए अच्छी बात नहीं है.
अवनीत की मुश्किलें
अनवीत कौर (Avneet Kaur) के बारे में कंगना ने कहा कि वह खुद को इस एक्ट्रेस में देखती हैं. अनवीत निराश करती हैं. न अपने लुक और न परफॉरसमेंस से वह कोई असर छोड़ती हैं. फिल्म में उनका किरदार आधे से ज्यादा समय तक नवाज की छाया में रहता है और जब उनके लिए मैदान खुलता है, तो लेखक-निर्देशक फ्लॉप कर देते हैं. ऐसी फिल्म के बाद उनके लिए आगे की राह आसान नहीं होगी. साई कबीर का निर्देशन फिल्म को जरा नहीं बांधता. कथा-पटकथा बरसों पुराने लगती है. अगर उन्होंने किसी जमाने में इसे लिखा भी, तो झाड़-पोंछकर कुछ नया भी शामिल करते. फिल्म का अंडरवर्ल्ड (Underworld) और नेतागिरी हास्यास्पद है.
कहानी के एक्स्ट्रा
टीकू वेड्स शेरू की कहानी कहने को दो युवाओं की है, लेकिन नवाज 49 के हैं और अनवीत 21 की. खैर, टीकू (अवनीत कौर) भोपाल (Bhopal) के मुस्लिम परिवार (Muslim Family) की तेज-तर्रार लड़की है, जिसे मुंबई में हीरोइन बनना है. उसका एक बॉयफ्रेंड (Boyfriend) है. इधर, शेरू (नवाजुद्दीन सिद्दिकी) मुंबई (Mumbai) में फिल्मों में एक्ट्राज का काम करता है, एक्ट्राज की सप्लाई करता है और साथ ही अंडरवर्ल्ड के लोगों के लिए लड़कियों की दलाली भी करता है. शेरू के लिए टीकू का रिश्ता आता है. टीकू मुंबई के चक्कर में शेरू से शादी करती है. मुंबई आकर उसे पता चलता है कि वह बॉयफ्रेंड से प्रेग्नेंट (Pregnant) है. बॉयफ्रेंड उसे छोड़कर भाग जाता है और वह शेरू के पास लौट आती है. थोड़े गिले-शिकवों के बाद शेरू टीकू को उसके बच्चे समेत अपना लेता है. लेकिन इसके बाद क्या...ॽ किधर जाती है टीकू और शेरू की जिंदगी.
बेगानी शादी में अब्दुल्ला
अगर आप न कॉमेडी, न रोमांस, न एक्शन, न थ्रिल वाली बेसिर-पैर की बचकानी कहानी देखना चाहते हैं तो यह फिल्म देखिए. समझ जाएंगे कि बॉलीवुड में खुद को इंटलेक्चुअल कहने वालों क्या स्थिति है! कितना वे कहानी को समझते हैं और कितना सिनेमा को. एक्टर को एक्टिंग समझनी चाहिए और लिखने वालों पर लिखने का काम छोड़ना चाहिए. लेकिन जरूरी है कि लिखने वाले भी ओरीजनल हों, यहां-वहां से आइडिये चुराने वाले नहीं. आश्चर्य इस बात पर भी होता है कि प्राइम वीडियो (Prime Video) और इसके जैसे प्लेटफॉर्म ऐसी फिल्मों को कैसे सिलेक्ट कर लेते हैं!! कैसे अपना पैसा और दर्शकों का समय बर्बाद करते हैं. अगर आपके पास ढेर सारा खाली समय है, जिसमें आप बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना बनना चाहते हैं और आपके पास प्राइम वीडियो का सब्सक्रिप्शन है, तो इस फिल्म को देख लें.
निर्देशकः साई कबीर
सितारे: नवाजुद्दीन सिद्दिकी, अवनीत कौर, खुशी भारद्वाज, मुकेश एस भट्ट, विपिन शर्मा
रेटिंग*1/2