Aarya 3 Review: कुछ नयापन नहीं बचा आर्या के आइडिये में, बिना उम्मीद के चाहें तो देख लें
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Aarya 3 Review: कुछ नयापन नहीं बचा आर्या के आइडिये में, बिना उम्मीद के चाहें तो देख लें

Sushmita Sen: सुष्मिता सेन ने बीते दिनों वेब सीरीज ताली में तालियां बटोरी. आर्या उनकी चर्चित सीरीज है. इसका आधा-अधूरा तीसरा सीजन आया है. मगर मुश्किल यह है कि मेकर्स ने आइडिये को फार्मूलों में बांधकर कामचलाऊ ढंग से आगे बढ़ा दिया है. पढ़ लें रिव्यू...

 

Aarya 3 Review: कुछ नयापन नहीं बचा आर्या के आइडिये में, बिना उम्मीद के चाहें तो देख लें

Aarya 3: आर्या के तीसरे सीजन का जब चौथा और अंतिम एपिसोड खत्म होता है, तो बैकग्राउंड में डायलॉग उभरता हैः ‘यह कहानी जितनी नई है, उससे भी कहीं ज्यादा पुरानी है.’ सच्चाई यह है कि डिज्नी हॉटस्टार पर आज रिलीज हुए आर्या के नए सीजन के चारों एपिसोड में आपको पुरानेपन से ज्यादा कुछ एहसास नहीं होता. नया आप ढूंढते रह जाते हैं. किसी चल चुकी सीरीज को खींचते जाना ओटीटी प्लेटफॉर्मों की नियति बन गई है. ये बहुत जल्दी ऐसे मोड़ पर आ खड़े हुए हैं, जहां मौलिकता या नयापन खत्म हो गया है. जबकि ओटीटी आने पर उम्मीद बंधी थी कि अब अलग तरह का कंटेंट राज करेगा. मगर खोटे सिक्कों की तरह वेब सीरीजों में पुराने आइडियों को ही घिसा जा रहा है. आर्या का नया सीजन इसी की नजीर है.

अपनी मनमानी
पहले सीजन के बाद आर्या सरीन (सुष्मिता सेन) की कहानी जितनी आगे बढ़ रही है, उतनी बे-सिर-पैर की होती जा रही है. वह भी सिर्फ इस तर्क के साथ अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए आर्या कुछ भी करेगी. शुरुआत में हर किसी को इस आइडिये से सहानुभूति हुई थी. मगर अब ऐसा नहीं है. नए सीजन में आर्या मां कम और डॉन ज्यादा बन चुकी है. राजस्थान के किन्हीं इलाकों में उसने अपनी दहशत फैलाकर अफीम के खेत मनमानी रकम देकर खरीद लिए हैं और रूसी माफिया को ड्रग्स की सप्लाई कर रही है. रशियन माफिया से आर्या को 1000 करोड़ रुपये के कंसाइनमेंट का कॉन्ट्रेक्ट मिला है, लेकिन यह माल पकड़ा जाता है. लेकिन इससे पहले पिछले सीजन में मारी गई नंदिनी का पति सूरज (इंद्रनील सेनगुप्ता) अपनी बीवी की हत्या का बदला लेने आ गया है. वह आर्या की राह में हर तरफ रोड़े अटका रहा है.

घर में विभीषण
जहां तक आर्या के बच्चों की बात है तो बेटा आर्या का काम संभालने वाली युवती से प्यार करता है. यह युवती आर्या के बेटे से प्रेग्नेंट हो जाती है. वहीं आर्या की जवान बेटी गैंग में काम करने वाले ऐसे युवक से प्यार कर रही है, जो पुलिस का खबरी बना हुआ है. मतलब यह कि जब विभीषण आर्या के घर में हैं, तो लंका लगनी ही है! सुष्मिता सेन का किरदार आकर्षण खोता जा रहा है. वह डॉन की तरह लग नहीं पातीं और मां के किरदार में बेबस-मजबूर नजर आती हैं. उनकी उम्र के हिसाब से कोई रोमांटिक एंगल भी यहां है. कुल मिलाकर आप तमाम नए एपिसोड्स में यही पाते हैं कि किसी की लूट, हत्या या अपराध की योजना बन रही है. इस सबके बीच एक पुलिस अफसर, एसीपी खान (विकास कुमार) आर्या के पीछे लगा हुआ. अपराधी और पुलिस की चूहा दौड़ एंटरटेनमेंट की दुनिया का शाश्वत सत्य है. जिसमें पुलिस हमेशा देर से पहुंचती है या अपराधी का दिमाग उससे कहीं तेज चलता है.

आगे की कहानी
आर्या की राइटिंग बेहद कमजोर और फार्मूलों में बंधी है. कोई निरंतरता या प्रवाह आपको नहीं मिलता. किरदारों में जान नहीं है. संवाद तो छोड़ ही दीजिए. डिज्नी हॉटस्टार ने इस बार आर्या और सूरज की अदावत के चार एपिसोड खत्म करते हुए, रानी साहिबा के रूप में इला अरुण की एंट्री करा दी है. जो कह रही हैं कि रशियन माफिया का एक नया मिडिलमैन आ रहा है. तय है कि आने वाले चार या पांच एपिसोड में आर्या के साथ इन दोनों की टक्कर होगी और यह सीजन भी खत्म हो जाएगा. न कहानी का लिहाज से और न ही किरदरों के लिए आर्या आकर्षित कर पा रही है. अगर इसमें कोई आमूलचूल परिवर्तन न हो तो इसे चलाते रहने का कोई अर्थ नहीं. अगर आप आर्या के पिछले दो सीजन देख चुके हैं, आपके पास ओटीटी के सब्सक्रिप्शन के साथ समय भी है और बिना किसी नएपन की आशा में कुछ भी देख सकते हैं, तो आर्या 3 आपके लिए है.

निर्देशकः कपिल शर्मा, श्रद्धा पासी जयरथ, राम माधवानी
सितारे: सुष्मिता सेन, इंद्रनील सेनगुप्ता, इला अरुण, विकास कुमार, विश्वजीत प्रधान
रेटिंग**

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