श्रेया श्री ने बिना कोचिंग के दूसरे प्रयास में ही पास की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, हासिल की 71वीं रैंक
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श्रेया श्री ने बिना कोचिंग के दूसरे प्रयास में ही पास की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, हासिल की 71वीं रैंक

UPSC Success Story: श्रेया ने मध्य प्रदेश के पिछड़े से जिले सिंगरौली के सरकारी स्कूल से कक्षा 10वीं व 12वीं की पढाई की थी. इसके बाद सीधा उन्होंने आईआईटी कानपुर में दाखिला लिया, जहां से उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया. 

श्रेया श्री ने बिना कोचिंग के दूसरे प्रयास में ही पास की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, हासिल की 71वीं रैंक

नई दिल्ली: जीवन में कुछ पाने की चाह के साथ की गई मेहनत हमेशा रंग लाती है. ऐसी ही चाह रखने वाली मध्य प्रदेश के अनूपपुर की रहने वाली श्रेया श्री की कहानी का आज हम जिक्र करेंगे, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 71वां स्थान हासिल किया है. यह स्थान उन्होंने बिना किसी कोचिंग गए अपने दूसरे प्रयास में प्राप्त किया है. 

श्रेया ने मध्य प्रदेश के पिछड़े से जिले सिंगरौली के सरकारी स्कूल से कक्षा 10वीं व 12वीं की पढाई की थी. इसके बाद सीधा उन्होंने आईआईटी कानपुर में दाखिला लिया, जहां से उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उनके पास विदेश में जाकर नौकरी करने का रास्ता खुला हुआ था, लेकिल उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया. श्रेया अपने पहले प्रयास में प्रिलिंस भी नहीं निकाल पाई थी. वहीं दूसरे प्रयास में उन्होंने प्रिलिंस, मेंस और इंटरव्यू तीनों क्लियर कर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 पास कर डाली.

नेत्रहीन होने के बावजूद सम्यक ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में हासिल की 7वीं रैंक

श्रेया बताती हैं कि उनके पिता दिनेश चौधरी पहले भारतीय वायु सेना में कार्यरत थे. 20 साल की नौकरी के बाद रिटायर हुए तो उन्होंने तत्कालीन इलाहाबाद बैंक और फिर इंडियन बैंक में क्लर्क कम कैशियर की नौकरी की. श्रेया को देश सेवा की प्रेरणा पिता की एयर फोर्स की नौकरी के दौरान ही मिली थी. साथ ही उनकी मां संगीता चौधरी भी चाहती थी की श्रेया कोई दूसरी नौकरी करने से पहले यूपीएससी की परीक्षा दे, जिसके लिए उन्होंने श्रेया को खूब प्रेरित भी किया.

श्रेया के पिता ऐसे तो बैंक में नौकरी करते हैं, लेकिन उनकी आमदनी इतनी नहीं है कि वे दिल्ली जैसे शहर में यूपीएससी की कोचिंग के लिए लाखों रुपए खर्च कर सकें. श्रेया को इस स्थिती का अंदाजा पहले से ही था, जिस कारण उन्होंने बिना कोचिंग के ही इस परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया. सेल्फ स्टडी के माध्यम से ही उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की और अपने दूसरे प्रयास में परीक्षा क्लियर कर डाली और पूरे देश में 71वां स्थान हासिल किया.       

बता दें पदों की जानकारी के अनुसार, इस साल कुल 180 अभ्यर्थियों को आईएएस के पद पर नियुक्त किया जाएगा. इनमें से जनरल कैटेगरी से 72 अभ्यर्थियों को आईएएस बनाया जाएगा. श्रेया बताती हैं कि उनका रैंक 71वां है, ऐसे में उनका आईएएस बनना तय है. उन्होंने कहा कि उनके पिताजी हमेशा से ही कहते थे कि तैयारी करो तो सिर्फ आईएएस बनने की. उसी सोच को लेकर की गई तैयारी के कारण ही आज यह सफलता मिली है.

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