मिलिए इस लेडी सिंघम से, जिन्होंने बिना कोचिंग पहले अटेंप्ट में क्रैक किया था UPSC, अब हैं NSG की DIG
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मिलिए इस लेडी सिंघम से, जिन्होंने बिना कोचिंग पहले अटेंप्ट में क्रैक किया था UPSC, अब हैं NSG की DIG

IPS Manzil Saini: आईपीएस मंजिल सैनी ने तीन साल तक प्राइवेट नौकरी करने के बाद इस्तीफा देकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की थी और पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर डाली थी.

मिलिए इस लेडी सिंघम से, जिन्होंने बिना कोचिंग पहले अटेंप्ट में क्रैक किया था UPSC, अब हैं NSG की DIG

IPS Manzil Saini: यूपी कैडर की आईपीएस अधिकारी मंजिल सैनी एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं. साल 2005 में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली सैनी दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में गोल्ड मेडल विनर रही हैं. इससे पहले उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से फिजिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया था. मंजिल सैनी 18 मई 2016 से 27 मई 2017 तक लखनऊ एसएसपी के पद पर तैनात थीं. उसी दौरान 1 फरवरी 2017 को लखनऊ के एक कारोबारी श्रवण साहू की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. अब इस मामले में सीबीआई की सिफारिश के बाद मंजिल सैनी के खिलाफ डिपार्टमेंटल इनक्वायरी के आदेश दिए गए हैं. मंजिल सैनी फिलहाल नेशनल सिक्योरिटी गार्ड यानी NSG दिल्ली में तैनात हैं. यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग मुरादाबाद में एएसपी के तौर पर हुई थी.

इसके अलावा मंजिल सैनी ने साल 2000 में जसपाल देहल से शादी की थी. यह एक प्रेम विवाह था, जब दोनों ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एक साथ पढ़ाई की थी. बता दें कि पढ़ाई के बाद सैनी ने तीन साल तक एक कॉरपोरेट फर्म में काम भी किया था. तीन साल तक प्राइवेट नौकरी करने के बाद सैनी ने इस्तीफा देकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की और पहले ही प्रयास में इसे पास कर लिया.

मंजिल सैनी ने अपने करियर की शुरुआत में ही किडनी की चोरी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश कर दिया था. इस घटना ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध कर दिया था. एक रात उन्होंने साहस दिखाते हुए मेरठ और नोएडा के अस्पतालों पर छापा मारा और इस रैकेट का भंडाफोड़ कर सैकड़ों लोगों की जान बचाई थी. मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान भी मंजिल सैनी को वहां तैनात किया गया था.

क्या है मंजिल सैनी को लेकर मौजूदा विवाद?
लखनऊ के चर्चित श्रवण साहू हत्याकांड में तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस मामले में पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसएसपी मंजिल सैनी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई तेज कर दी गई है. पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह के मुताबिक, ऐसे मामलों में अगर कोई आईपीएस अधिकारी विभागीय कार्रवाई में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ बर्खास्तगी तक की कार्रवाई की जा सकती है. साल 2017 के श्रवण साहू हत्याकांड में सीबीआई जांच में तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी को दोषी पाया गया था. मंजिल सैनी को श्रवण साहू की सुरक्षा में लापरवाही का दोषी माना गया. लखनऊ पोस्टिंग के दौरान उन्हें लोगों ने लेडी सिंघम का नाम भी दिया था.

श्रवण साहू को सुरक्षा देने के मामले में सीबीआई ने तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी को दोषी पाया था. इसे लेकर सीबीआई ने मंजिल सैनी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की थी.

2017 में यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सआदतगंज के कारोबारी श्रवण साहू की लखनऊ में बदमाशों ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी. इससे पहले उनके बेटे आयुष की हत्या कर दी गई थी, जिसके वह गवाह थे और बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने की पैरवी कर रहे थे. उसके बेटे के हत्यारे उसे जान से मारने की धमकी दे रहे थे. उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को भी दी थी, लेकिन इसके बाद भी उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई. बताया जा रहा है कि श्रवण साहू ने तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी और डीएम से भी सुरक्षा की गुहार लगाई थी. 1 फरवरी 2017 को बाइक सवार बदमाशों ने दुकान में घुसकर श्रवण साहू की हत्या कर दी थी.

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