Thallium Revenge: कभी दुश्‍मन कैदियों के लिए होता था जिसका इस्‍तेमाल, उस धीमे जहर से 20 दिनों में फैमिली के 5 मेंबर्स को मारा
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Thallium Revenge: कभी दुश्‍मन कैदियों के लिए होता था जिसका इस्‍तेमाल, उस धीमे जहर से 20 दिनों में फैमिली के 5 मेंबर्स को मारा

Gadchiroli Thallium Case: पिता की मौत के बाद महिला का पारा आसमान पर चढ़ गया और फिर उसने खतरनाक थैलियम देकर अपने पति और 4 ससुराल वालों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया. उसमें इन सबके खाने में थैलियम मिला दिया. 

Thallium Revenge: कभी दुश्‍मन कैदियों के लिए होता था जिसका इस्‍तेमाल, उस धीमे जहर से 20 दिनों में फैमिली के 5 मेंबर्स को मारा

In Laws Murder Gadchiroli: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली (Gadchiroli) से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, यहां एक महिला वैज्ञानिक ने अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए पति समेत 5 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. महिला ने इसके लिए किसी चाकू, छुरी या बंदूक का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि उनके खाने में धीमा जगह मिला दिया, जिसकी वजह तड़प-तड़पकर उनकी मौत हो गई. बदले की आग में जल रही महिला ने अपने पति और 4 ससुराल वालों को 'जहर का भी जहर' कहा जाने वाला थैलियम खाने में मिलाकर दे दिया और जिसकी वजह उनकी 20 दिन में घुट-घुटकर मौत हुई. थैलियम इतना जहरीला होता है कि उसे छूना भी हानिकारक माना जाता है. आइए जानते हैं कि महिला वैज्ञानिक ने क्यों और कैसे इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया.

थैलियम क्यों है इतना खतरनाक?

जान लें कि थैलियम का जहर पकड़ना इसलिए भी मुश्किल है क्योंकि इसमें रंग, सुगंध और स्वाद की कमी होती है. अगर थैलियम को किसी के खाने में मिला दिया जाए तो उसके लिए स्वाद में फर्क कर पाना मुश्किल होगा. बता दें कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 22 साल की महिला वैज्ञानिक ने कथित रूप से पति समेत अपने 5 ससुरालियों को जहर के तौर पर थैलियम खिलाकर मार डाला. कहा जाता है कि कभी इस थैलियम का इस्तेमाल दुश्मन कैदियों को मारने के लिए किया जाता है. दावा किया जाता है कि इराकी लीडर सद्दाम हुसैन की पुलिस सत्ता के दुश्मनों को मारने के लिए थैलियम सल्फेट का इस्तेमाल करती थी.

पति और 4 ससुरालियों को ऐसे उतारा मौत के घाट

पुलिस की पूछताछ में महिला वैज्ञानिक ने कबूल किया कि उसने अपने पिता की मौत का बदला लेने के मकसद से ऐसा किया. बता दें कि करीब 5 महीने पहले महिला के पिता ने आत्महत्या कर ली थी और इसकी वजह ससुराल में बेटी को परेशान करना बताया गया था. महिला वैज्ञानिक अपने पिता की मौत का जिम्मेदार अपने ससुराल वालों को मानती थी. पिता की मौत का हिसाब बराबर करने के लिए महिला ने ससुराल वालों को 20 दिन तक थैलियम मिला हुआ खाना खिलाया. लैब टेस्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि मृतकों के खून में हैवी मेटल पॉइजन की मात्रा बहुत अधिक थी.

महिला वैज्ञानिक को कहां से मिला थैलियम?

जानकारी के मुताबिक, इस वारदात को अंजाम देने में किसी रिश्तेदार ने भी उसकी मदद की थी. थैलियम उसने तेलंगाना की किसी जगह से हासिल किया था. मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने आरोपी महिला वैज्ञानिक और इस हत्याकांड में उसका साथ देने वाले साथी को गिरफ्तार कर लिया है. अरेस्ट करने के बाद दोनों से पूछताछ की गई, जिसमें कई बड़े खुलासे हुए हैं. संघमित्रा ने 20 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच इस हत्याकांड को अंजाम दिया.

दिल्ली में भी थैलियम से मारने का केस

जान लें कि ऐसा ही एक मामला 2 साल पहले दिल्ली से भी सामने आया था. यहां के ग्रेटर कैलाश-I में वरुण अरोड़ा नामक एक शख्स अपने ससुरालियों के खाने में थैलियम मिला दिया था. वरुण ने नए साल की पार्टी का दिन इसके लिए चुना था और मौका देखते ही ससुरालियों के खाने में थैलियम मिला दिया था. वह अपने ससुराल वालों से इस वजह से नाराज था क्योंकि उन्होंने गर्भपात कराने के उसकी पत्नी के फैसले का सपोर्ट किया था. शख्स का मानना था कि उसके पिता जो एक साल पहले इस दुनिया से जा चुके थे वह उसके बच्चे के रूप में जन्म लेने वाले थे. लेकिन जब बच्चे को गिरा दिया गया तो वह नाराज हो गया था.

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