Success Story: दोबारा नौकरी ज्वाइन करने पर सिर्फ 4 घंटे की नीद लेते, नौकरी करते और बचे हुए समय में लाइब्रेरी जाकर अपनी तैयारी करते थे.
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UPPSC Success Story: कहते हैं कि एक चीज को पाने कि अगर आप ठान लें तो फिर उसके लिए जुनून का लेवल अलग ही होता है. आज हम आपको एक ऐसी ही स्टोरी बताने जा रहे हैं फिरोजाबद के अनिल चौधरी ने ठान लिया था कि उन्हें अफसर बनना है तो वह तब तक मैदान में डटे रहे जब तक कि अफसर नहीं बन गए.
अनिल चौधरी का जन्म 1 अगस्त 1994 को एक किसान परिवार में हुआ था. अनिल ने 12वीं तक की पढ़ाई गांव के ही एक स्कूल से की. 12वीं परीक्षा के साथ ही अनिल ने यूपी पुलिस का एग्जाम दिया और सिपाही परीक्षा पास कर ली. लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था. सिपाही भर्ती परीक्षा में रोक लग गई जिससे अनिल ने प्राइवेट नौकरी शुरू कर दी. हालांकि साल 2016 में उनको झांसी में पोस्टिंग मिल गई.
नौकरी के साथ भी अनिल ने अपनी पढ़ाई जारी रखी. इस दरमियान 1 साल की छुट्टी लेकर दिल्ली से तैयारी की. दोबारा नौकरी ज्वाइन करने पर सिर्फ 4 घंटे की नीद लेते, नौकरी करते और बचे हुए समय में लाइब्रेरी जाकर अपनी तैयारी करते थे.
मीडिया को दिए इंटरव्यू में अनिल बताते हैं कि बचपन से ही सरकारी नौकरी करने के बारे में सोचते थे, लेकिन तब इसके बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था. ऐसे में जब 12वीं के बाद सिपाही बनते ही पढ़ाई छोड़ दी लेकिन नौकरी के दौरान अफसर बनने का ख्याब मन में आया. तो फिर यूपी पीसीएस की तैयारी में जुट गया. सिपाही से तहसीलदार बने अनिल चौधरी अब आईएएस बनना चाहते हैं. बता दें कि यूपीपीएससी के चौथे प्रयास में अनिल चौधरी ने 21वीं रैंक प्राप्त की है.
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