IAS Divya Mittal and IAS Gagandeep Singh: आईएएस दिव्या मित्तल अपने पहले के कार्यकाल में उन्होंने वीसी, बरेली विकास प्राधिकरण के रूप में काम किया था. जॉइंट एमडी, यूपीएसआईडीए; सीडीओ, गोंडा और एसडीएम मवाना (मेरठ), मेरठ और सिधौली (सीतापुर) के पद पर भी तैनात रहीं.
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UPSC क्लियर करना कोई आसान काम नहीं है. आज हम आपको एक ऐसे कपल की स्टोरी बता रहे हैं जो दोनों ही IAS हैं. हम बात कर रहे हैं 2013 बैच की यूपी कैडर की आईएएस अफसर दिव्या मित्तल और उनके पति आईएएस अफसर गगनदीप की. IAS गगनदीप 2011 बैच के अधिकारी हैं.
यूपीएससी में आई थी 68 रैंक
आईएएस दिव्या मित्तल ने यूपीएससी सीएसई 2012 में ऑल इंडिया रैंक (एआईआर) 68 हासिल की थी. उन्होंने पहले प्रतिष्ठित आईआईटी और आईआईएम परीक्षाओं में सफलता हासिल की थी. उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग आईआईटी दिल्ली से पूरी की है. बाद में उन्होंने आईआईएम बेंगलुरु से एमबीए किया. दिव्या मित्तल का मानना है कि इंसान को अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए फोकस रहना चाहिए और आईआईटी, आईआईएम और यूपीएससी के लिए अपनी तैयारी को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए.
पति से मिला IAS बनने का मोटिवेशन
IAS दिव्या मित्तल को अफसर बनने के लिए मोटिवेशन उनके पति आईएएस अफसर गगनदीप से ही मिली थी. गगनदीप सिंह भी इंजीनियरिंग के स्टूडेंट रहे हैं, दोनों ने शादी के बाद साथ में नौकरी जॉइन की. लेकिन मन नहीं लगा. इसके बाद वह नौकरी छोड़कर वापस भारत आ गए. हालांकि, अच्छी नौकरी छोड़ने का फैसला करना मुश्किल था.
गगनदीप 2011 में बने IAS
दिव्या और गगनदीप दोनों ने दिल्ली आकर IAS की तैयारी करनी शुरू कर दी. आईएएस बनने के लिए उन्होंने और गगनदीप ने कभी कोचिंग नहीं की. घर पर ही पढ़ाई की. IAS गगनदीप ने 2011 में यूपीएससी क्वालीफाई किया और दिव्या मित्तल ने 2013 में क्वलीफाई किया. दिव्या बताती हैं कि विदेश में पैसा बहुत था लेकिन फिर भी उनकी तरह गगनदीप का भी मन वहां नहीं लगा.
दिव्या ने जब पहली बार UPSC का एग्जाम दिया था तब उन्होंने एग्जाम तो क्लियर कर लिया लेकिन IAS का पद नहीं मिला. पहली बार उन्हें आईपीएस का पद मिला था. इसके बाद उन्होंने फिर एग्जाम दिया और आईएएस अफसर बन गईं.
LBSNAA में मिला था अवार्ड
सिविल सेवा में शामिल होने से पहले, वह लंदन में एक विदेशी डेरिवेटिव व्यापारी के रूप में काम कर चुकी हैं. LBSNAA में आईएएस की ट्रेनिंग के दौरान, उन्हें 2 साल के पूरे ट्रेनिंग सेशन में शानदार प्रदर्शन के लिए बैच में एक आईएएस प्रोबेशनर को दिए जाने वाले अशोक बंबावाले पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इस समय IAS Divya Mittal बस्ती की जिलाधिकारी हैं. हाल ही में यूपी सरकार ने उनका ट्रांसफर किया है. इससे पहले वह मिर्जापुर की डीएम थीं.
मॉर्निंग स्टडी की पावर
दिव्या मित्तल ने मॉर्निंग स्टडी की पावर को शेयर किया और एक तकनीक भी शेयर की जिसका उन्होंने उपयोग किया. दिव्या मित्तल ने कहा कि वह अपना अलार्म अपने से बहुत दूर रखती थीं, जिससे उन्हें उठकर अपनी पढ़ाई शुरू करने के लिए मोटिवेट होना पड़ता था.