Landlocked Countries: लैंडलॉक्ड देश जियोग्राफिकल परस्पेक्टिव से काफी यूनिक होते हैं. बावजूद इसके कई लैंडलॉक्ड देश अपने इकोनॉमिक मॉडल और बेहतर ट्रांसपोर्ट फैसिलिटिस के जरिए इन चुनौतियों से निपटने में सफल रहे हैं. आइए जानते हैं इस लिस्ट में कौन-कौन से देशों के नाम शामिल हैं...
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What is Landlocked Country: हमारा प्लानेट हर नजरिए से बेहद खूबसूरत हैं. ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों और वादियों से ढके क्षेत्र इसके सौंदर्य को और बढ़ाते हैं तो गहरे समंदरों के पानी से इसका रंग और खिलता है. धरती पर मौजूद हर देश खुद में एक से बढ़कर एक खासियतों को समेटे हुए हैं. आज हम आपको लैंडलॉक्ड सरजमीं यानी कि जमीनी बॉर्डर वाले देशों से रुबरू कराएंगे. आइए जानते हैं कलैंडलॉक्ड देशों की खासियतें, उनकी चुनौतियां और दुनिया में कितनी हैं ऐसे देशों की संख्या...
क्या है लैंडलॉक्ड कंट्री?
दुनिया में कुछ देश ऐसे हैं, जो समुद्र से घिरे नहीं होते और उनकी सीमाएं केवल जमीन से जुड़ी होती हैं. ऐसे देशों को लैंडलॉक्ड कंट्री कहा जाता है. ये देश समुद्र तक सीधे पहुंचने की सुविधा से वंचित होते हैं, जिससे उनके व्यापार और परिवहन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है. लैंडलॉक्ड देशों की सीमाएं केवल जमीनी होती हैं. इन देशों का समुद्र से कोई सीधा संपर्क नहीं होता. उदाहरण के लिए नेपाल, अफगानिस्तान और मंगोलिया जैसे देश लैंडलॉक्ड हैं. इन देशों तक पहुंचने के लिए केवल सड़क या हवाई मार्ग का इस्तेमाल किया जा सकता है.
डबल लैंडलॉक्ड कंट्री क्या होती है?
डबल लैंडलॉक्ड कंट्री वे देश होते हैं जो खुद समुद्र से कटे होते हैं और जिनके आसपास के देश भी लैंडलॉक्ड होते हैं. उदाहरण के लिए, लिकटेंस्टीन और उज़्बेकिस्तान. ये देश समुद्र तक पहुंचने के लिए दो देशों से होकर गुजरने के लिए मजबूर होते हैं.
लैंडलॉक्ड देशों की चुनौतियां
लैंडलॉक्ड देशों को समुद्री देशों की तुलना में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है:
व्यापार में कठिनाई: समुद्री मार्ग के अभाव में इन देशों को अपने सामान का आयात-निर्यात पड़ोसी देशों पर निर्भर होकर करना पड़ता है.
लॉजिस्टिक्स लागत: माल ढुलाई की लागत अधिक होती है, जिससे व्यापार महंगा हो जाता है.
अंतर्राष्ट्रीय संबंध: पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध बनाए रखना इन देशों की प्राथमिकता होती है, क्योंकि उनके रास्तों पर निर्भरता होती है.
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दुनिया में कितने हैं लैंडलॉक्ड देश?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की गई वर्ल्ड का स्टैटिसटिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी दुनिया में वर्तमान में कुल 195 देश हैं. इसमें से वर्तमान में कुल 44 लैंडलॉक्ड कंट्री मौजूद है. इनमें से 6 एशिया में स्थित हैं. वहीं, 2 देश डबल लैंडलॉक्ड कंट्रीज में आते हैं. लिकटेंस्टीन और उज़्बेकिस्तान यह दोनों डबल लैंडलॉक्ड देश हैं.
जमीनी बॉर्डर वाले देशों में अफगानिस्तान, अंडोरा, आर्मेनिया ऑस्ट्रिया, अजरबैजान, बेलारूस, भूटान, बोलीविया, बोत्सवाना, बुर्किना, फासो, बुरुंड, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड, चेकिया, एस्वातिनी, इथियोपिया, हंगरी, कजाकिस्तान, कोसोवो, किर्गिस्तान, लाओस, लेसोथो, लक्जमबर्ग, मलावी, माली, मोल्दोवा, मंगोलिया, नेपाल, नाइजर, उत्तरी मैसेडोनिया ,पैराग्वे, रवांडा, सैन, मैरिनो, सर्बिया, स्लोवाकिया, दक्षिण सूडान, स्विट्जरलैंड, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, युगांडा, वेटिकन सिटी, जाम्बिया, जिम्बाब्वे ये देश शामिल है.
एशिया के लैंडलॉक्ड देश
एशिया में 6 लैंडलॉक्ड देश हैं:
अफगानिस्तान
भूटान
नेपाल
कजाकिस्तान
मंगोलिया
किर्गिस्तान
समुद्री मार्ग का महत्व
समुद्र तक सीधा पहुंच होना किसी देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाता है. समुद्री मार्ग से व्यापार सस्ता और तेज होता है. यही वजह है कि लैंडलॉक्ड देशों को समुद्री देशों पर निर्भर रहना पड़ता है. इनके विकास और व्यापार पर समुद्र तक पहुंच का अभाव गहरा प्रभाव डालता है.