Salinity in Ocean Water: समंदर का पानी इतना खारा होता है कि भयंकर प्यास लगने पर भी उसे पीकर प्याज नहीं बुझाई जा सकती. क्या आप जानते हैं कि इसके एक लीटर पानी में कितना नमक होता है? चलिए जानते हैं...
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Why Sea Water Is Salty: आपने कभी सोचा है कि नदियों और झीलों का पानी तो मीठा होता है, लेकिन समुद्र का पानी खारा क्यों होता है? इस खारेपन की वजह से समुद्र का पानी पीने लायक नहीं होता, फिर भी यह धरती के पर्यावरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. समुद्र के पानी में नमक की मात्रा और उसके खारे होने के पीछे कई वैज्ञानिक कारण छिपे हैं. आइए, इस दिलचस्प सवाल के जवाब को साइंस के नजरिए से समझते हैं...
समुद्री पानी में नमक की मात्रा
समुद्र का पानी खारा होता है, क्योंकि इसमें नमक की बहुत ज्यादा मात्रा होती है. इसे सैलिनिटी (Salinity) कहते हैं. समुद्र के हर एक लीटर पानी में करीब 35 ग्राम नमक होता है. यह नमक मुख्य रूप से सोडियम क्लोराइड का होता है, जिसे सामान्य रूप से हम टेबल सॉल्ट कहते हैं.
समुद्र का पानी खारा क्यों होता है?
समुद्र का खारापन नदियों से आता है. जब नदियों का पानी पहाड़ों और चट्टानों से बहता है, तो वह खनिज और लवणों को अपने साथ बहाकर लाता है. यह पानी नदियों से होकर समुद्र में पहुंचता है, जहां नदियों के पानी के साथ ये खनिज-लवण समुद्र में जमा होते रहते हैं. हालांकि, नदियों का पानी मीठा होता है, क्योंकि उसमें नमक की मात्रा बहुत कम होती है, लेकिन जब यही पानी समुद्र में पहुंचता है तो वाष्पीकरण (Evaporation) के कारण केवल पानी भाप बनकर उड़ता है और नमक वहीं रह जाता है. वहीं, ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान भी कई तरह के खनिज समुद्र में पहुंचते हैं. साथ ही समुद्र तल से भी कई खनिज निकलते हैं, जो पानी में घुल जाते हैं.
वाष्पीकरण का प्रभाव
समुद्र का खारापन बढ़ाने में वाष्पीकरण की भूमिका सबसे अहम होती है. जब सूर्य की गर्मी समुद्र के पानी को भाप में बदल देती है, तो केवल शुद्ध पानी वाष्प बनकर उड़ता है. नमक और खनिज समुद्र में ही रह जाते हैं, जिससे समय के साथ पानी ज्यादा खारा हो जाता है. एक लीटर खारेपानी में औसतन 35 ग्राम नमक होता है. अगर आप समुद्र का एक लीटर पानी उबालकर सारा पानी उड़ा दें तो हमें करीब 1 चम्मच नमक मिलेगा.
नदी-झील का पानी मीठा क्यों?
नदियों और झीलों का पानी मीठा इसलिए होता है, क्योंकि इसमें नमक की मात्रा बहुत कम होती है. नदियों के पानी में मौजूद नमक समुद्र में जाकर जमा हो जाता है. झीलों का पानी भी वाष्पीकरण से प्रभावित होता है, लेकिन उनकी सीमित जलधारा और छोटे आकार के कारण उनमें समुद्र जैसी सैलिनिटी नहीं होती.
सभी समुद्रों का पानी एक सा होता है?
नहीं, सभी समुद्रों का पानी एक जैसा खारा नहीं होता. उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में, जहां वाष्पीकरण ज्यादा होता है, वहां का पानी भी ज्यादा नमकीन होता है, जैसे कि डेड सी या लाल सागर. वहीं, आर्कटिक और अंटार्कटिक क्षेत्रों में बर्फ पिघलने के कारण पानी कम खारा होता है.
खारे पानी का महत्व
समुद्र का खारापन पर्यावरण संतुलन के लिए बेहद जरूरी है. यह समुद्र में रहने वाले जीव-जंतुओं के जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाता है. कई समुद्री जीवों को खारे पानी की जरुरत होती है. खारापानी समुद्र की जलवायु को भी नियंत्रित करता है. अगर समुद्र का पानी मीठा होता, तो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर गहरा प्रभाव पड़ता. वहीं, सागर-महासगरों की लवणता उनके तापमान और घनत्व को प्रभावित करती है, जो धाराओं को चलाने में अहम रोल निभाती है.