बाल विवाह जैसी कुप्रथा की हुईं शिकार, लेकिन नहीं मानी हार; एक घटना ने बदला जीवन का लक्ष्य और बन गईं IPS
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बाल विवाह जैसी कुप्रथा की हुईं शिकार, लेकिन नहीं मानी हार; एक घटना ने बदला जीवन का लक्ष्य और बन गईं IPS

IPS Success Story: हालात कैसे भी क्यों न हो, अगर खुद पर भरोसा और दृढ़ संकल्प अडिग हो तो सफलता मिलकर रहती है. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में तीन बार असफल होने के बाद जब कोई उम्मीद नहीं बची, तब अंबिका ने बाजी जीत ली.

बाल विवाह जैसी कुप्रथा की हुईं शिकार, लेकिन नहीं मानी हार; एक घटना ने बदला जीवन का लक्ष्य और बन गईं IPS

IPS N Ambika Success Story: कुछ बेहतर करने की चाह और जुनून हो तो समाज की बनाई सारी सीमाओं से परे जाकर व्यक्ति कामयाबी हासिल कर ही लेता है. बड़ी सफलता कड़ा परिश्रम और अटूट धैर्य मांगती है, लेकिन धुन पक्की हो तो सफलता तो मिलकर ही रहती है. इसका जीता जागती मिसाल हैं ये महिला आईपीएस ऑफिसर. सफलता और संघर्ष कहानी है IPS एन. अंबिका की, जो बाल विवाह जैसी कुप्रथा का शिकार बनीं, लेकिन एक घटना ने उनकी जिंदगी के मायने ही बदल दिए.

 

इस घटना ने बदला जीवन
तमिलनाडु की रहने वाली आईपीएस एन. अंबिका की शादी केवल 14 साल की उम्र में हो गई थी. अंबिका के आईपीएस बनने का कहानी शुरू होती है, एक गणतंत्र दिवस परेड से, जब वह अपने कॉन्स्टेबल पति के साथ गणतंत्र दिवस समारोह देखने पहुंचीं. अंबिका ने पति को अधिकारियों को सैल्यूट करते हुए देखा तो उनके मन में कई सवाल आए. उन्होंने अपने पति से पूछा कि आखिर वे कौन थे, तब उनके पति ने बताया कि वे उनके सीनियर हैं जो आईपीएस ऑफिसर हैं. इस घटना ने उन्हें अंदर तक प्रभावित कर आईपीएस बनने के लिए प्रेरित किया. 18 साल की उम्र में वह दो बेटियों की मां बन चुकी अंबिका ने हिम्मत नहीं हारी और अपने खोए हुए सपने को पूरा करने का फैसला लिया. 

आईपीएस ऑफिसर बनने का सफर 
हालांकि, जल्दी शादी होने के एन. अंबिका की पढ़ाई भी अधूरी थी. ऐसे में दो बच्चे होने के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना कोई छोटी बात नही. उनके इस फैसले में पति का भी साथ मिला. अंबिका ने हिम्मत नहीं हारी और एक प्राइवेट संस्थान से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी. इसके बाद ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. 

चेन्नई से की यूपीएससी की तैयारी 
इसके बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए चेन्नई जाने का फैसला लिया. हालांकि, उनके पति ने अपनी नौकरी के साथ ही अपने बच्चों की भी पूरी जिम्मेदारी ली. हालांकि, आसान नहीं था सबकुछ, दोनों बच्चों को पति के भरोसे पर छोड़कर दूर जाना. अंबिका के इस सफर में कई चुनौतियों भी आईं, लेकिन उन्होने हार नहीम मानी औक यूपीएससी परीक्षा क्वालिफाई करने में सफल हुईं. 

सफलता की मिसाल 
यूपीएससी की परीक्षा में अपने तीन प्रयासों में उन्हें असफलता मिला, जिसके बाद अंबिका के पति ने भी उन्हें घर लौटने की सलाह दी, लेकिन वह अपने फैसले पर अड़ी रहीं. साल 2008 में अपने चौथे अटैम्प्ट उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली. वर्तमान में अंबिका मुंबई में पुलिस उपायुक्त हैं. 

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