IMF ने 2023 के लिए की डराने वाली भविष्यवाणी, जानकर टेंशन में आ जाएंगे आप
Advertisement
trendingNow11390952

IMF ने 2023 के लिए की डराने वाली भविष्यवाणी, जानकर टेंशन में आ जाएंगे आप

IMF ने वर्ष 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के कठिन दौर से गुजरने की भविष्यवाणी की है. इसने आर्थिक प्रगति का पूर्वानुमान घटाया है और दुनिया के एक तिहाई हिस्से में आर्थिक संकुचन का अनुमान लगाया है.

IMF ने 2023 के लिए की डराने वाली भविष्यवाणी, जानकर टेंशन में आ जाएंगे आप

IMF Prediction: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वर्ष 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के कठिन दौर से गुजरने की भविष्यवाणी की है. इसने आर्थिक प्रगति का पूर्वानुमान घटाया है और दुनिया के एक तिहाई हिस्से में आर्थिक संकुचन का अनुमान लगाया है. स्काई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक वित्तीय संस्थान की वल्र्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है, सबसे बुरा वक्त अभी आना बाकी है. साल 2023 भारी मंदी की तरह महसूस होगा.

स्काई न्यूज ने बताया कि आईएमएफ ने जुलाई में अपेक्षित राशि से 2023 के लिए वैश्विक विकास दर में संशोधन कर गिरावट दिखाया है. अगले साल मात्र 2.7 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद की गई है. यह पिछले साल की 6 प्रतिशत की वृद्धि और इस वर्ष के 3.2 प्रतिशत की वृद्धि के पूवार्नुमान से कम है.

स्काई न्यूज के मुताबिक, आईएमएफ ने कहा, यह कोविड-19 महामारी और वैश्विक वित्तीय संकट के तीव्र चरण को छोड़कर, 2001 के बाद से 'सबसे कमजोर ग्रोथ प्रोफाइल' है. यह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए 'महत्वपूर्ण मंदी' को दर्शाता है, क्योंकि अमेरिका का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2022 की पहली छमाही में अनुबंधित है, इसके बाद 2022 की दूसरी छमाही में यूरो क्षेत्र का संकुचन और चीन में लंबे समय तक कोविड-19 का प्रकोप और लॉकडाउन रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है, दुनिया एक अस्थिर दौर में है : आर्थिक, भू-राजनीतिक और पारिस्थितिक परिवर्तन सभी वैश्विक दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं. 
स्काई न्यूज ने बताया कि विश्व अर्थव्यवस्था का लगभग एक तिहाई लगातार दो तिमाहियों में नकारात्मक वृद्धि का सामना कर रहा है, आईएमएफ ने भी यही भविष्यवाणी की है.

IMF ने भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत किया

आईएमएफ ने वर्ष 2022 के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है. इसके पहले जुलाई में आईएमएफ ने भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. हालांकि वह अनुमान भी इस साल जनवरी में आए 8.2 प्रतिशत के वृद्धि अनुमान से कम ही था. भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7 प्रतिशत रही है.

आईएमएफ ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि के भी वर्ष 2022 में 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जो कि नई सदी में सबसे सुस्त वृद्धि होगी. वर्ष 2021 में वैश्विक वृद्धि छह प्रतिशत पर रही लेकिन अगले साल इसके 2.7 प्रतिशत तक खिसक जाने की आशंका है.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

 

Trending news