दास ने आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव के रूप में काम किया था. 2016 में नोटबंदी में भी उनकी अहम भूमिका रही थी. उर्जित पटेल के अचानक इस्तीफे के बाद उन्हें 2018 में आरबीआई गवर्नर बनाया गया था.
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Shaktikanta Das Last Day: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के निवर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि उन्होंने आरबीआई को अपना सर्वश्रेष्ठ दिया. मेरे छह साल के कार्यकाल में आरबीआई और वित्त मंत्रालय के बीच संबंध ‘सबसे अच्छे’ रहे. दास ने कार्यकाल के आखिरी दिन मीडिया से बातचीत में कहा कि कई मामलों पर केंद्रीय बैंक और वित्त मंत्रालय का ‘नजरिया’ अलग-अलग हो सकता है और यह चीज दुनियाभर में देखी जाती है. नौकरशाह से केंद्रीय बैंक के गवर्नर बने दास ने कहा, ‘...मुझे लगता है कि मेरे समय में हम इंटरनल बातचीत के जरिये सभी मामलों को हल करने में सक्षम रहे.’
2016 में नोटबंदी में दास की अहम भूमिका रही
दास ने कहा, ‘मुझे लगता है कि सरकार और विशेष रूप से वित्त मंत्रालय और आरबीआई के बीच संबंध... अच्छा रहा. हमारे बीच सहयोग और समन्वय शानदार था.’ दास ने आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव के रूप में काम किया था. 2016 में नोटबंदी में भी उनकी अहम भूमिका रही थी. उर्जित पटेल के अचानक इस्तीफे के बाद उन्हें 2018 में आरबीआई गवर्नर बनाया गया था. दास ने कहा कि जब भी कोई गवर्नर पद ग्रहण करता है, तो वह चीजों को ‘मैक्रो इकोनॉमी’ के नजरिये से देखता है. वह केंद्रीय बैंक में मिली जिम्मेदारी के साथ काम करता है कि आरबीआई के लिए सबसे अच्छा क्या है और वह उसे कैसे पूरा कर सकता है.
'इकोनॉमी को ध्यान में रखकर ही गवर्नर फैसला करता है'
उन्होंने कहा, ‘यह आपकी जिम्मेदारी है, यह आपको मिली जवाबदेही है...क्योंकि आप एक विशेष पद पर हैं. साथ ही, इकोनॉमी की जरूरतें भी हैं. दोनों को ध्यान में रखकर ही गवर्नर कोई फैसला करता है.’ दास ने गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालने पर दिसंबर, 2018 में दिए गए बयान को याद किया और कहा कि उन्होंने उन क्षेत्रों पर काम किया, जिस पर ध्यान देने की जरूरत थी और जो उन्होंने उस समय कहा था. उन्होंने कहा, ‘मैंने उस समय कहा था कि रिजर्व बैंक एक समृद्ध विरासत वाली महान संस्था है. मैंने यह भी कहा था कि मैं रिजर्व बैंक के पेशेवर रुख, मूल तत्वों, विश्वसनीयता और स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए सब कुछ करूंगा.’
भविष्य के कदम के बारे में बाद में विचार करेंगे
दास से उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनके पास अभी कोई विशेष योजना नहीं है और वह अपने भविष्य के कदमों के बारे में बाद में विचार करेंगे. इस बात की अटकलें थीं कि दास को संभवत: एक और विस्तार मिल सकता है. अगर ऐसा होता तो वह केंद्रीय बैंक के सबसे लंबे समय तक सेवाएं देने वाले गवर्नर बन जाते. हालांकि, ऐसा हुआ नहीं और सरकार ने राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को आरबीआई का अगला गवर्नर नियुक्त किया. (भाषा)