RBI: ओटीएस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आरएफएल सुधारात्मक कार्रवाई योजना (CAP) से बाहर आ जाएगी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय स्थिति सही नहीं होने के कारण जनवरी, 2018 में सुधारात्मक कार्रवाई योजना लागू की थी.
Trending Photos
Reserve Bank of India: चार साल पहले जनवरी, 2018 में आरबीआई (RBI) की तरफ से रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (RFL) पर सुधारात्मक कार्रवाई योजना लागू की गई थी. लेकिन एक बार फिर से उम्मीद की जा रही है कि कर्ज तले दबे रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (RFL) का नए साल में कारोबार शुरू हो जाएगा. कंपनी के 2,300 करोड़ रुपये के एकमुश्त निपटान (OTS) प्रस्ताव को ज्यादातर ऋणदाताओं (Lenders) की सहमति मिल गई है.
2018 में सुधारात्मक कार्रवाई योजना लागू हुई थी
ओटीएस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आरएफएल सुधारात्मक कार्रवाई योजना (CAP) से बाहर आ जाएगी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय स्थिति सही नहीं होने के कारण जनवरी, 2018 में सुधारात्मक कार्रवाई योजना लागू की थी. सूत्रों ने बताया कि 16 में से 14 कर्जदाताओं ने ओटीएस एग्रीमेंट पर साइन कर दिए हैं. दो अन्य कर्जदाता भी इस पर एक से दो दिन में साइज कर देंगे. इस बारे में आरएफएल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई.
220 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जमा
रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लि. की एनबीएफसी (NBFC) पर एसबीआई (SBI) की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ का लगभग 5,300 करोड़ रुपये बकाया है. प्रस्तावित ओटीएस के तहत कंपनी ने जून, 2022 में आरएफएल के पुनरुद्धार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए प्रमुख ऋणदाता के पास 220 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जमा की थी. सूत्र ने कहा कि कंपनी और उसके प्रवर्तक इस महीने में ही भुगतान के लिए तैयार हैं. उनके पास निपटान के लिए ओटीएस समझौते के अनुसार 90 दिन का समय है.
सूत्र ने बताया कि उनके पास भुगतान के लिए पैसा तैयार है. सूत्रों ने कहा कि बेहतर संग्रह और वसूली के कारण आरएफएल ने धन जुटा लिया है और ओटीएस के लिए जो कमी होगी उसे उसकी मूल कंपनी पूरा करेगी. आरबीआई ने मार्च, 2020 में पहली ऋण पुनर्गठन (DR) योजना को खारिज कर दिया गया था. इसकी वजह यह है कि कंपनी के लिए दावेदार टीसीजी एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड को नियामक ने ‘उपयुक्त’ नहीं पाया था. संशोधित डीआर योजना भी आगे नहीं बढ़ पाई और इससे ओटीएस के लिए रास्ता बना.
पूर्ववर्ती प्रवर्तक भाइयों शिविंदर सिंह और मालविंदर सिंह द्वारा धन की कथित हेराफेरी के कारण आरएफएल वित्तीय संकट में है. कई एजेंसियां करीब 4,000 करोड़ रुपये की वित्तीय गड़बड़ी की जांच कर रही हैं. आरएफएल ने 2020 में सिंह बंधुओं के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरएफएल के कोष को इधर-उधर करने के मामले में भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने इस साल सिंह भाइयों सहित 10 इकाइयों पर 60 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. (INPUT: PTI)
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं