Narendra Modi investment in NSC: पोस्ट ऑफिस की स्कीम में निवेश सुरक्षित होता है. इसमें नियमित निवेश पर आपको बढ़िया रिटर्न की भी गारंटी मिलती है. आइए जानते हैं पीएम मोदी के निवेश वाले इस स्कीम के बारे में
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Narendra Modi investment in NSC: अगर आप भी छोटे निवेश कर मुनाफा कमाना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस आपके लिए बेहतर विकल्प है. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री भी पोस्ट ऑफिस स्कीम्स में निवेश करते हैं. PM Narendra Modi ने लाइफ इंश्योरेंस और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में बड़ा निवेश किया है. आंकड़ों के अनुसार, जून 2020 में उन्होंने NSC में 8 लाख 43 हजार 124 रुपए का निवेश किया है. लाइफ इंश्योरेंस के लिए उन्होंने 1 लाख 50 हजार 957 रुपए का प्रीमियम जमा किया था. आइए जानते हैं इस स्कीम के बारे में विस्तार से.
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट
अगर ज़ीरो रिस्क पर निवेश करना चाहते हैं तो आपको पोस्ट ऑफिस में निवेश करना चाहिए. सुरक्षित और सरकारी स्कीम में लगाना चाहते हैं तो नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (National Savings Certificate) में निवेश कर सकते हैं. ये सुरक्षित निवेश है क्योंकि ये पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम का ही हिस्सा है और खुद देश के प्रधानमंत्री इसमें निवेश करते हैं.
कैसे करें निवेश?
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (National Savings Certificate) में पांच साल का मिनिमम लॉक-इन पीरिएड होता है. इसका मतलब है कि निवेश के पांच साल बाद ही आप इसे निकाल सकेंगे. NSC में तीन तरीके से निवेश किया जा सकता है.
सिंगल टाइप- इस तरह के टाइप में आप खुद के लिए या किसी नाबालिग के लिए निवेश कर सकते हैं.
ज्वाइंट ए टाइप- इस तरह के सर्टिफिकेट को कोई दो लोग एक साथ मिलकर ले सकते हैं यानी दो लोग एक साथ मिलकर निवेश कर सकते हैं
ज्वाइंट बी टाइप- इसमें निवेश तो दो लोग करते हैं लेकिन मेच्योरिटी (Maturity) पर पैसे सिर्फ किसी एक निवेशक को दिए जाते हैं.
कितना कर सकते हैं निवेश?
पोस्ट ऑफिस के इस स्कीम में अभी 6.8% का ब्याज दर है. इस स्कीम में आप कम से कम 1,000 रुपये निवेश कर सकते हैं और 100 के मल्टीपल में पैसे निवेश कर सकते हैं. हालांकि इसमें निवेश की कोई अधिकतम लिमिट नहीं है.
इनकम टैक्स में भी छूट
अगर आप भी NSC में निवेश करते हैं तो आपको इनकम टैक्स की धारा 80C (Section 80C of Income Tax) के तहत हर साल 1.5 लाख रुपये तक के निवेश कर टैक्स में छूट भी मिलेगा. टैक्सेबल इनकम होने पर कुल आय में से राशि काट ली जाती है.